आज भारतीय दो अलग -अलग विचारधाराओं द्वारा शाशित शोषित हो रहे हैं। उनके राजनीतिक आदर्श जो संविधान के प्रस्तावना में इंगित हैं वो स्वतंत्रता , समानता , और भाई -चारे को स्थापित करते हैं। और उनके धर्म में समाहित सामाजिक आदर्श इससे इनकार करते हैं।डा.आम्बेडकर

रविवार, 24 मई 2020

Talab

*संरक्षण के तलबगार हैं चंदेरी के ऐतिहासिक तालाब* 
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         जल जमीन जंगल और इंसान एक ऐसा महागठबंधन है जिसके अंतर्गत सबकी अपनी-अपनी सीमाएं तय है | या यह कहें कि यह एक ऐसा चक्र है जिसमें समानता के साथ-साथ सब को घूमना चाहिए | यदि किसी ने भी थोड़ी गड़बड़ी की, तो तय है कि संतुलन बिगड़ जावेगा जैसे ही संतुलन बिगड़ेगा नतीजे अच्छे नहीं आएंगे |

           हम बात कर रहे हैं जल यानी पानी जिसके बिना जमीन जंगल जीव जंतु क्या इंसान भी एक पल जिंदा नहीं रह सकता | मानव की मूलभूत आवश्यकताओं में से एक है पानी | पानी सदियों से इंसान की प्यास बुझाता चला आ रहा है दोनों का तालमेल अच्छा था सब कुछ ठीक-ठाक था |

          जैसे ही मानव ने जल जमीन जंगल से अपना तालमेल बिगाड़ा है नतीजा सामने हैं | आज आसमान से बरसती आग ने सब का जीना मुहाल कर दिया है | दूसरी ओर जल को लेकर सारी दुनिया में त्राहि-त्राहि मची हुई है | लोग एक-एक बूंद को तरस रहे हैं, शासन दुनियाभर के उपाय कर जल को संरक्षण एवं संग्रहित करने में जुटी हुई है |

          मई-जून आते ही जल को लेकर स्थिति और भयावह हो जाती है | अधिकतर हर जगह चाहे व बड़े शहर हो अथवा गांव पानी को लेकर परेशानियां बढ़ जाती हैं, एक-एक बूंद पानी को लेकर बहस छिड़ने लगती है | सच है पानी है तो सब कुछ है, पानी नहीं तो कुछ भी नहीं, जल है तो जीवन है बिन पानी सब सून, इंसान को जिंदा रहने के लिए पहली जरूरत है पानी |

           क्या जल को मानव जीवन तक सीमित रखा जा सकता है ? नहीं कतई नहीं क्योंकि जल मात्र इंसान की आवश्यकताओं की ही पूर्ति नहीं करता वरन् पृथ्वी पर विचरण कर रहे पशु पक्षी जीव जंतुओं के अलावा पृथ्वी की प्यास को भी बुझाता है | किसी भी देश प्रदेश की उन्नति में जल की भूमिका नियत रहती है इसलिए ही जल के महत्व को सब दूर  स्वीकारा गया है |

           वर्तमान एक हजार साल पुराने चंदेरी नगर स्थापना की नींव में कीर्ति सागर नामक तालाब का जन्म और आज हमारे सामने कीरत सागर नाम से प्राचीन मूल स्थिति में उपस्थित उक्त तालाब सौ सवाल का एक जवाब बनकर जल संरक्षण संवर्धन हेतु मार्ग प्रदर्शक बना हुआ है | 

           आगे आने वाले समय में पानी की एक-एक बूंद को कैसा सजेहा जाए इसके लिए तत्कालीन चन्देरी शासकों ने प्रत्येक स्तर पर जतन भी किए हैं | परिणाम स्वरूप कही छोटे, कहीं बड़े आकार प्रकार में निर्मित तालाब तलैया मौजूद जल स्रोत आज हमें आने वाली पीढ़ी हेतु जल संरक्षण का सबक देने का माध्यम बने हुए हैं |

           वर्तमान नगर में स्थित एक दर्जन से भी अधिक तालाब सदियों से इस नगर में निवासरत इंसानों के अलावा पशु पक्षियों आदि की जरूरतों को पूरा करते हुए नगर सौदर्यकरण में इजाफा के अलावा पर्यावरण संतुलन में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हुए चन्देरी पर्यटन को बढ़ावा देने का कार्य कर रहे हैं | एक के बाद एक श्रंखलाबद्ध तालाब की स्थापना प्राचीन जल संग्रह प्रणाली के उत्तम उदाहरण हैं |

          आश्चर्य किंतु सच यह है कि सैकड़ों साल पूर्व निर्मित किए गए तालाब अनेक तरह की तूफानी, सुल्तानी-आसमानी, अधिक वर्षा की मार झेल कर भी ज्यों के त्यों आज भी हमारे सामने हैं | फिर चाहे वह एक हजार साल पुराना 10-11 वीं सदी में निर्मित कीरत सागर तालाब हो, या फिर 1433 ईस्वी में निर्मित सिंहपुर तालाब हो, या फिर 1467 ईस्वी में निर्मित हौज खास तालाब हो |

           या फिर 1445 ईस्वी में निर्मित सुल्तानिया तालाब हो, या फिर 1495 ईस्वी में निर्मित चिमनुआ तालाब हो, या फिर 14- 15 वीं सदी में निर्मित धुबया तालाब, पन बावाड़ी तालाब, लाल बावड़ी तालाब, रामनगर तालाब या फिर प्राचीन परमेश्वरा तालाब, हौज खुसल्ला तालाब, ताकबंदी तालाब, सागर ताल के अलावा जोहर तलैया खसियों की तलैया, कू-कू तलैया रही हो |

         महत्वपूर्ण प्रश्न आज यह है कि जल संरक्षण संवर्धन को लेकर शासन-प्रशासन स्तर पर प्रत्येक उपाय किए जा रहे हैं कि जल को कैसे बचाया जावे | लाखों - करोड़ों रुपया पानी बचाने के लिए पानी की तरह बहाया जा रहा है | वहीं दूसरी ओर हमारी नगर की अमूल्य धरोहर प्राचीन ऐतिहासिक तालाब जो जल संचय प्रणाली का अनुपम उदाहरण है अपनी दुर्दशा बदहाली पर खून के आंसू पी रहे हैं |

           सबसे बड़ी बात यह है कि सदियों पूर्व निर्मित उक्त तालाब आज भी वैसी की वैसी स्थिति में हमारे सामने हैं, जिन्हें बचाया जाना सार्वजनिक हित में अनिवार्य है | शासकीय स्तर पर की जा रही निरंतर उपेक्षा का दंश झेल रही उक्त जल संरचनाएं संरक्षण संवर्धन के अभाव में अपने अस्तित्व को बचाए रखने के लिए संघर्षरत हैं |

             जल संरक्षण संवर्धन के प्रति पूर्ण उपेक्षा उदासीनता का उदाहरण यदि कहीं देखना है तो चंदेरी के प्राचीन तालाब सर्वश्रेष्ठ उदाहरण हैं | चंदेरी पर्यटन विरासत के अहम अध्याय की पूर्णता अनदेखी समझ से परे है |

            ऐसा भी नहीं है कि स्थानीय तालाब जल संरक्षण हेतु कभी प्रयास न किए गए हो | शासकीय-अशासकीय स्तर पर बारंबार किए गए हैं | धुबया तालाब, हौजखास तालाब सार्वजनिक जनभागीदारी, श्रमदान उपरांत आए सुखद परिणाम के श्रेष्ठ उदाहरण हैं |

             बावजूद इसके अभी बहुत कुछ किया जाना शेष है | उदाहरण के तौर पर पन बावड़ी तालाब, लाल बावड़ी तालाब, सिंहपुर तालाब, ताकबंदी तालाब, कीरत सागर तालाब, गिलाउआ तालाब, चिमनुआ तालाब आदि में आज तक कभी भी किसी तरह का कोई संरक्षण कार्य नहीं हुआ है |

          जबकि पन बावड़ी तालाब की रचना उसका आकार-प्रकार एक तरह से *स्विमिंग पूल* का एहसास कराती है | लाल बावड़ी तालाब, सिंहपुर तालाब, सुल्तानिया तालाब एवं रामनगर तालाब की चौड़ी-चकली पार पर्यटन नजरिए से विकास हेतु कई संभावनाएं प्रस्तुत करती है |

           वहीं रामनगर तालाब की पार पर 1698 ईस्वी में निर्मित महल, ठीक इसी प्रकार सिंहपुर तालाब की पार से लगकर पठार पर 1656 ईस्वी में निर्मित महल चंदेरी पर्यटन के मुख्य बिंदु में शुमार हो कर हेरिटेज होटल स्थापना के संकेत देते हैं | दूसरी ओर परमेश्वरा तालाब में श्री लक्ष्मण जी मंदिर का प्रस्तुतीकरण एवं सागर नामक तालाब श्री जागेश्वरी देवी मंदिर का अभिन्न अंग होकर धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के प्रबल पक्षधर बने हुए हैं |

         नगर से 225 फीट ऊंची किला पहाड़ी पर स्थित प्राचीन गिलाउआ तालाब जंगल परिवेश से सराबोर होकर इको पर्यटन हेतु बेहतरीन संभावनाएं अपने दामन में बांधे हुए होटल किला-कोठी में ठहरे अथवा किला भ्रमण को आए प्रत्येक पर्यटक को तालाब तक चहल-कदमी का सादर आमंत्रण देता नजर आता है |

             चंदेरी के प्राचीन तालाब मात्र विरासत की बात ही नहीं करते, मात्र पर्यटन बढ़ावा देने की बात नहीं करते, मात्र नगर सौंदर्यकरण में इजाफा की बात नहीं करते, मात्र पर्यावरण संतुलन की बात नहीं करते बल्कि सभी तत्वों का समावेश करते हुए एक नहीं अनेक परिवारों की रोजी-रोटी आमदनी परिवारों के भरण - पोषण का जरिया बनकर मानवीय सेवा की दास्तां बयान भी करते हैं |

          कारण है कि अधिकांश तालाबों में मछली पालन के अलावा सिंघाड़ा, मुरार, कमलघट्टे का उत्पादन किया जा रहा है | वहीं कई तालाब का पानी कृषि भूमि की सिंचाई उपयोग में आ कर कृर्षि उत्पादन बढ़ाने में कार्यरत है |

       दु:ख होता है जब ऐसे ऐतिहासिक एवं पुरातन तालाबों के संरक्षण संवर्धन की चर्चा ना होकर विपरीत इसके धुबया, पन बावड़ी, लाल बावड़ी नामक तालाबों का एकीकरण कर झील निर्माण की चर्चा कर *विनाश पर आधारित विकास* की बात कर अनेक तरह की मानवीय समस्याओं के जन्म देने के प्रयास किए जाते हैं |

           नगर के प्राचीन तालाब मात्र जल संग्रह तक ही सीमित न होकर चंदेरी पर्यटन क्षेत्र में अहम भूमिका अदा करने वाले किरदार हैं | अतएव आज जरूरत है की उक्त सभी तालाबों के संरक्षण गहरीकरण एवं उनके प्राचीन घाट पार मजबूती करण के अलावा पार सौंदर्यकरण, विद्युत सौंदर्यीकरण, जलविहार हेतु नौकायान, रंगीन गुब्बारे स्थापना, पर्यटक सुविधा विस्तार अंतर्गत पार पर बैठक, प्रसाधन आदि मुहैया कराना चंदेरी पर्यटन की मौन किंतु ठोस मांग है |

        उक्त सभी कार्य धरातल पर अमल हेतु स्थानीय नगरीय निकाय, स्थानीय जनपद पंचायत, मध्य प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम, मध्य प्रदेश राज्य पर्यटन बोर्ड, वन विभाग के साथ स्थानीय प्रशासन की  पहल के बिना संभव नहीं, जिसका अभी तक अभाव नजर आता रहा है |
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बुधवार, 28 फ़रवरी 2018

हमारी सोच और लडाई का दायरा सीमित है | सुरेश वाघेला

सुरेश वाघेला की कलम से
साथियों हमारी सोच और लड़ाई का दायरा सीमित हैं|

सरकारी स्कूलो में जहां छात्रों को कक्षा 8 से 9 तक धक्कल पास की नीति निर्धारित की गई हैं |
 जिससे आमजन में शिक्षको के प्रति असंतोष व्याप्त हो रहा हैं|
   कहते हैं शिक्षको को सरकार मोटी रकम (वेतन ) देती हैं पर वे बच्चों को पढ़ा नहीं रहे हैं |
दूसरा हर विभाग में उच्च व निम्न स्तर पर बैकलॉग इतना बाकि हैं कि पहले लगे कर्मचारियों पर कार्य का अतिरिक्त बोझ बढ़ रहा हैं |
 जिससे कई आमजन के कार्य बाधित हो रहे हैं ,,वहीं जनता व कर्मचारियों में असंतोष |
तीसरी महत्वपूर्ण बात जनता और पुलिस में बडे़ पैमाने पर असंतोष व्याप्त हैं |
     पुलिस के वेतन भत्तों में सरकार हर वर्ष कटौती कर आमजन को लूटने के लिए भ्रष्टाचार के लिए पुलिस को दावत दे रही हैं ,ऐसे में पुलिस सरकार से लड़ नहीं सकती और आमजन को लूट रही हैं |
जिससे सियाणा के यूवक को पुलिस सत्यापन रिपोर्ट के लिए मांगे गए पैसो पर यूवक की जागरुकता से खफा पुलिस जनता से उलझ रही हैं ,हम पुलिस से लड़ रहे हैं |
सायला में एक यूवक को मार कर पानी की टंकी में डाला जाता हैं ,हम हंगामा करते हैं ,पुलिस तय समय में दोषी को गिरफ्तार करते हैं ,,और एकबार पुलिस को सलामी देते हैं |
वही कई जगह व्यवस्था के निर्माताओं द्वारा हमारे समाज के किसी व्यक्ति,छात्र,महिला,बच्चियों की हत्या,असमत लूटने वाले को पुलिस नहीं बचाती व्यवस्था बचाती हैं ,,हम आधि अधुरी जानकारी के कारण पुलिस से उळझ जाते हैं ,,दुश्मन अपने मिशन में कामयाब हो जाता हैं |
हमारी लड़ाई का दायरा सीमित हो चूका हैं |
 हमारी लडा़ई बेशक पुलिस,टीचर,कर्मचारी से हो पर वह लड़ाई जीतने के लिए नहीं व्यवस्था को उजागर कर देश के शासक वर्ग को हिला कर जनता का असंवैधानिक व्यवस्था से अवगत करवाना हमारा मकसद होना चाहिये ,ताकि व्यवस्था जनक की जड़े हील जाए |
                      सुरेश वाघेला
                  प्रदेश अध्यक्ष बामसेफ
                        राजस्थान

गुरुवार, 22 फ़रवरी 2018

राष्ट्र निर्माण में शिक्षकों की सबसे अहम भुमिका ।



राष्ट्र निर्माण में शिक्षकों की सबसे अहम भुमिका । 

शिक्षक व शिक्षा के बारे में परम्परागत भारतीय दृष्टिकोण  पहले से बहुत सकारात्मक रहा है।  कहा गया है की सा: विद्या या विमुक्तये !  अर्थात विद्या वही है ,  जो व्यक्ति को मुक्त कर देती है | यह मुक्ति की चाह जीवन के तमाम दुराग्रहों से रहित होने की चाह है |
वही गुरु शिक्षा के माध्यम से शिष्यों की चेतना में मुक्ति के इस सस्कार को प्रगाढ़ करता है , गुरुकुल परम्परा के दौर में तो कई तरह के शिक्षक समाज में रहते थे और दूसरे वे जो निःशुल्क शिक्षा देते थे | भारतीय समाज में विद्या के दान को सबसे बड़ा दान माना गया है , और आधुनिक युग में शिक्षा सबसे महत्वपूर्ण मानी गयी है | निःशुल्क विद्या दान का संकल्प लेकर जीने वाले व्यक्ति के परिवार की भी आवश्यकताओं की पूर्ति करता था , इसलिए समाज में उसे कुछ विशेष अधिकारों से सम्पन किया गया था | शिष्यों के प्रति अपनत्व भाव रखते हुए उन्हें जीवन के समग्रता और कौशल से अवगत कराना भारतीय शिक्षा व्यवस्था की मूल पहचान होती थी | इसलिए विद्यार्थी सारी उम्र अपने शिक्षक के प्रति श्रद्वाभाव तन मन से  परिपूर्ण होते थे ,  कालांतर में जीवन की जटिलताओ से गुजरते हुए इस व्यवस्था में विकृतियों आई और इस विशेष सामाजिक सम्मान का लोग दुरुपयोग करने लगे | स्वार्थ द्वैष और कुंठा का हर युग  में अस्तित्व  रहा है , नही तो अपने संकल्प के दम पर  विशिष्ट योग्य धनुर्धर बने एकलव्य से दोर्णाचार्य गुरुदक्षिणा में उसका अंगूठा क्यू मांगते | अन्य शिक्षा शास्त्रीयो ने कहा कि सिफारिशों के आधार पर जो शिक्षा प्रणाली अंग्रेजो ने लागु की उसका देश को काफी नुकसान हुआ | शिक्षा प्रणाली ऐसी लागु होनी चाहिए की आजादी  के बाद  जीवन के प्रति सकारात्मक बोध जगाती हो और जीवन शैली का आकलन कर सके | अधिकाधिक हमारे नीति नियमो का उसी शिक्षा पद्धति को अपना लिया | बात इतने तक ही सीमित रहती तो गनीमत होती , लेकिन नब्बे के दशक में बाजारवाद की आंधी में सेवा का पर्याप्त समझने वाली शिक्षा का सबसे बड़ा पहलू है , इसमें विभिन्न स्तरों पर शिक्षकों के शोषण को भी प्रोत्साहित किया और निजी विद्यालयों में कम वेतन पर शिक्षकों को लगाकर कक्षा क्लास का सलेब्स पूरा करवा दिया जाता है | कम वेतन मिलने की शिकायत आम बात है , उसी प्रकार सरकारी क्षेत्र  का शिक्षक जनगणना पशुगणना से लेकर मिड डे मील की गुणवत्ता बनाए रखने की जिम्मेदारियों में अपनी गरिमा को खपाता रहता है | इस हालात ने शिक्षकों के मनोबल पर प्रतिकूल असर डाला है तमाम चुनोतियो के बावजूद शिक्षक अपनी गरिमा को बनाये की जद्दोजहद से जूझना जानता है , यही कारण है कि आज भी जीवन के विविध क्षेत्रों में बड़े मुकाम तक पहुचते है , तो सार्वजनिक तौर पर उनके सामने नतमस्तक नजर आते है |
शिक्षक वो होता है जो शिक्षण संस्थानों में विद्यार्थियों के समुख अपनी योग्यता का परिचय देता है और सही और गलत के रास्ते के बारे में बताता है इसलिए शिक्षक सबसे  महत्वपूर्ण माना गया है |

सम्पादकीय

रिपोर्ट प्रस्तुत कर्ता - हिम्मत कालमा थोबाऊ
( सामाजिक कार्यकर्ता )

शनिवार, 3 फ़रवरी 2018

हिम्मत कालमा की मेहनत रंग लाई


हिम्मत कालमा की मेहनत रंग



पाली सुमेरपुर बीएड कालेज के छात्रनेता व्  शेड्यूल्ड स्टूडेंट्स एवं यूथ यूनियन जालोर के जिला सहसंयोजक हिम्मत कालमा की मेहनत इस बार भी छात्रों के लिए रंग लाई
अशोक धोरावत ने बताया की   सुमेरपुर बीएड कॉलेज केशव विद्यापीठ टी टी कॉलेज व् पाली बीएड महाविद्यालयो में    अध्ययनरत sc st और obc के छात्र छात्रों की छात्रवर्ती पिछले लंबे समय से लंबित चल रही थी
जिससे चलते हिम्मत कालमा की लगातार 2 वर्षो से प्रयास से दिनाक 3 फरबरी 2018 को छात्रों के खातों में छात्रवर्ती आ गयी
इस मौके पर छात्र छात्रों ने हिम्मत कालमा व् कॉलेज प्रशासन को धन्यवाद दिया गया
इस अवसर पर रविंद्र सिंह अशोक धोरावत नरेंद्र पारीक रामलाल गुड़िया कुमारी मोनिका मेघवाल  सुरेश किशन बालोतरा किशोर सुथार दीपिका गहलोत समेत छात्र छात्राएं उपस्थित थे

रविवार, 15 अक्तूबर 2017

देश मे 15% भारतीय अल्पसंख्यक हम बहुजनों का संविधान प्रदत्त आरक्षण समाप्त करने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं।

"मेरा पहला राजनीतिक प्रस्ताव "
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मित्रो आजकल देश मे 15% भारतीय अल्पसंख्यक हम बहुजनों का संविधान प्रदत्त आरक्षण समाप्त करने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं। इसके लिए मैं उन्हें धन्यवाद देता हूँ कि वे हम सोये हुए भीम शेरों को जगा रहे हैं अपनी हिस्सेदारी मांगने के लिए।


       साथियो अब तक बहुत हो गया अब जागो औऱ जोर से बोलो कि आरक्षण भीख नहीं हमारा संवैधानिक अधिकार है। यह तो हम लेंगे ही साथ ही देश के हर क्षेत्र में एक एक ईंट में हमें अपनी आनुपातिक भागेदारी चाहिए।

       दूसरी अहम बात हमारे माननीय मुख्यमंत्री जी ने यह कहकर ताजमहल का महत्व समाप्त कर दिया कि यह विदेशी मुगलों का बनाया हुआ है इससे भगवा स्व देश प्रेम परलक्ष्तित हो रहा है ।हम इसे स्वीकार करते हुए पूरे देश के मुगलों और अंग्रजो के बनाए भवनों से सरकारी कार्य न करने का प्रस्ताव पेश करते हैं और जब तक राज तन्त्र अपनी खुद की व्यवस्था नही कर पाता संसद और विधानसभा सत्र आदि खुद के भवन अथवा खुले पार्को में आयोजित किए जाने चाहिए ।

साभार facebook वॉल

    RBS Pushkar
   राष्ट्रीय संयोजक
बहुजन विकास परिषद

शनिवार, 7 अक्तूबर 2017

अनारक्षित सीट पर किसी भी जाति,समाज, धर्म का व्यक्ति चुनाव लड़ सकता है।

अनारक्षित टिकट

अजमेर में सांसद सांवर लाल जाट के निधन से रिक्त हुई सीट के लिए शीघ्र ही उप चुनाव होने जा रहे हैं। माननीय मुख्यमंत्री जी अजमेर आईं हुईं हैं। BJP की तरफ से प्रत्याशी का चयन होना है। जाति समाज के कई वर्ग अपने समाज के व्यक्ति को टिकट देने की मांग कर रहे हैं। स्थानीय टीवी चैनल ने रिपोर्ट दिखाई। अजमेर सांसद की सीट अनारक्षित है। जाट, रावत, गुर्जर, वेश्य, समुदाय के लोग सांसद रहते आये हैं।  SC वर्ग के व्यक्ति को कभी भी टिकट नहीं दिया गया है। कल माननीय मुख्यमंत्री से जाट, रावत, राजपूत, जैन, वर्ग के लोगों ने टिकट देने की मांग की। *लेकिन SC वर्ग के किसी भी व्यक्ति ने / वर्ग ने टिकट की मांग नहीं की।* अनारक्षित सीट पर किसी भी जाति,समाज, धर्म का व्यक्ति चुनाव लड़ सकता है।  SC वर्ग के लोग किसी भी पार्टी से टिकट की मांग नहीं कर रहे हैं।
सब जानते हैं कि हमारी स्थिति क्या है।  लेकिन फिर भी SC  वर्ग के कई कथित बुद्धिजीवी/ राजनेता टिप्पणी करते हैं कि आरक्षण नहीं रहना चाहिए या समीक्षा होनी चाहिए। SC वर्ग के कान्वेंट, पब्लिक स्कूल की पढी कुछ औलादों में डाॅ भीमराव अम्बेडकर साहब के प्रति नमक हरामी की भावना ज्यादा देखी जा रही है। उन्हें यही लगता है कि *'हम आज जो कुछ भी हैं वह सब हमारी मेहनत और पापा के पैसों के बल पर ही हैं।'*
जागो ! जागो !! जागो !!!
Facebook वॉल से
डाॅ गुलाब चन्द जिन्दल अजमेर

शुक्रवार, 6 अक्तूबर 2017

यदि करवां चौथ करने से पति की उम्र लम्बी होती तो भारत की कोई भी महिला विधवा नही होती - कंचन भारती

आखिर ये सभी व्रत महिलाओ के लिए ही क्यों बनाये गए है....क्या कोई व्रत पुरुषों के लिए बनाया गया है भारत मे की वो व्रत रहे कि उनकी पत्नी की लंबी उम्र हो या बेटियों के लिए कोई व्रत क्यों नहीं रखती माये की उनकी बेटियों की उम्र बढ़ जाये ....क्योंकि बेटी कोई नही चाहता बेटा सभी चाहते है......ये भारत देश है...
फेसबुक से साभार.....कंचन भारती की वॉल से 


बुधवार, 4 अक्तूबर 2017

जब जब दर्पण देखा , मुझे भीम नज़र आते है !

दर्पण
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जब जब दर्पण देखा
मुझे भीम नज़र आते
है

महलों में बन गए राजकुवंर
और बन गए राजघराने

कैसे बन बैठे महलो के राजा
किसी को नज़र नही आता है

अपने को खुद न्योछावर करके
अधिकार दिलाये मुश्किल से

परिवार खत्म कर डाला अपना
जब देखा था जन जन का सपना

कोई भी उद्देश्य ना था जीने का
कभी मोल ना समझ अपने खून पसीने के

जाती थी इज़्ज़त नारियों की
जीते जी मारी जाती थी

देखा न कभी दिन औऱ देखी न कभी रात
दे गया वो महामानव ही था इज़्ज़त की सौगात

मानव को सम्मान दिलाकर
माँ बहनो को अधिकार दिलाकर

मिटा दिया खुद को बेटा था भीमाबाई का
चुका दिया सब कर्ज़ था उसने जीवन मे एक एक पॉइ का

था लाचार नुमाइंदा मानव था
शिक्षा से हुआ भीम दानव था

वर्षो बाद समाज जागा है
देखो कितना हुआ अभागा है

मिला नही अधिकार अभी तक
दिया भीम ने संविधान में हमको

हां अब तक तो चुप बैठे थे
शिक्षित होकर पाएंगे अधिकार यही कहते थे

जब जब दर्पण देखा
हमको संविधान नज़र आता है

करना है अब नही डरना है
दिया भीम ने जो हमको अधिकार हमे अर्जित करना है

हमको अक्सर देखो भीम नज़र आते है
जब जब दर्पण देखो

हमे भीम नज़र आते है
हमे भीम नज़र आते है!!!


कंचन भारती
आगरा
💐💐💐💐

बुध्द ना होते तो ज्ञान ना मिलता , भीम ना होते तो सम्मान ना मिलता !

रोशनी जीवन की
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बुध्द ने हमको ज्ञान दिया है
भीम ने दिया है जीवन।।।।

कैसे कहू और कैसे सुनाऊ
बुध्द और भीम का कैसा था जीवन

एक ने अपना जीवन खोकर
ज्ञान से हमको कर दिया रोशन

और एक ने दिया है जीवन
दोनों को कैसे मैं भुला दू

एक है भाग्य तो दूसरा भगवान
और दिया हमको अब जीवन

हम सब कितने थे लाचार
भीम ने दिए सारे अधिकार

और बताई राह बुध्द की
कौन है ईश्वर द दिया ज्ञान

बुध्द ने हमको ज्ञान दिया है
भीम ने दिया है जीवन

क्यूँ पाखंडवाद बतलाते हमको
जातिवाद सिखलाते हमको

बुध्द ना होते तो ज्ञान ना मिलता
भीम ना होते तो सम्मान ना मिलता

आज रोशनी मिली है जिनको
याद नही है भीम जी उनको

पाखंडवाद को तक़दीर बताते
क्यों नही उनकोभीम याद आते

बुध्द ने हमको ज्ञान दिया है
और भीम ने दिया है जीवन

मिलती ना कोई राह अगर तब
नही होता संविधान अगर तब

त्याग और बलिदान ना करते
भीम अगर संविधान ना लिखते

नारी को सम्मान ना मिलते
और समान अधिकार ना मिलते

बुध्द ने हमको ज्ञान दिया है
और भक्म ने दिया है जीवन

जीवन सारा अर्पण करके
बौध्द धर्म का धर्म बताकर

पाखंडवाद को दूर भगाया
जातिवाद को खत्म कराया

मानव को मानव बतलाया
और समानता का हक़ दिलवाकर

बुध्द ने हमको ज्ञान दिया है
और भीम ने दिया है जीवन।।।।

कंचन भारती
आगरा
💐💐💐💐💐

मंगलवार, 3 अक्तूबर 2017

जब राष्ट्रके पिता गाँधी जी की जयंती पर अवकाश हो सकता है तो राष्ट्र के बाबा डा०अम्बेडकर जी के जन्म दिन पर क्यों नहीँ।

गांधी जयन्ति पर  आयकर विभाग एवं अन्य राज्य कार्यालय मे देखा तो सभी कार्यालय बंद मिले छुट्टी की वजह समझ नहीँ आई तो जानकारी करने पर ज्ञात हुआ कि आज गाँधी जयंती के उपलक्ष्य में सार्वजनिक अवकाश है। जानकर दिमाग चकरघिँनी हो गया।


      मुझे याद आ रहा है वह मंजर जब बाबासाहब की जयंती के अवसर पर केंद्रीय सरकार ने घोषणा की थी की अब किसी भी महापुरुष के जन्मदिन पर छुट्टी नहीँ होगी।

      आज मैं यह नहीँ समझ पा रहा हूँ कि फ़िर यह गाँधी जी कौन है क्या वही हैं जिनकी संघी नाथूराम गोन्ड्से ने गोली मारकर हत्या की थी और इस गाँधी जी के हत्यारे कॊ महिमा मंडित किया जात्ता है।

      जब राष्ट्रके पिता गाँधी जी की जयंती पर अवकाश हो सकता है तो राष्ट्र के बाबा डा०अम्बेडकर जी के जन्म दिन पर क्यों नहीँ।

        हमारे माननीय प्रधानमंत्री जी  विदेशों में कहते है कि मैं बुद्ध कि धरती से आया हूँ किंतु आज तक कभी यह नहीँ कहा कि वह गाँधी , राम  अथवा कृष्ण कि धरती से आए हैं तो फ़िर तथागत बुद्ध कि जयंती पर सार्वजनिक समारोह एवं अवकाश क्यों नहीँ।

     क्या यह मनुवाद से इतर हमारेमहापूरूषो कॊ अलग थलग करने की घिनौली चाल तो नहीँ।

   जागो बहुजन जागो ।
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Dr. RBS Pushkar
राष्ट्रीय संरक्षक
बहुजन समस्या मेला
 भारत

सोमवार, 2 अक्तूबर 2017

घर-घर अम्बेडकर पुस्तिका वितरण कर मनाया जन्म दिन

घर-घर अम्बेडकर पुस्तिका वितरण कर मनाया जन्म दिन !

बालोतरा 2 अक्टुबर - निकटवर्ती टापरा गांव के बाबा साहब के मिशनरी युवा हरिश सेजु ने अपना जन्म दिन कुछ अनुठे अंदाज मे मनाकर अनुकरणिय  पहल की है |
आपकी जानकारी के लिये कि पश्चिमी राजस्थान ही  नही संपुर्ण राजस्थान मे बाबा साहब के विचारो को घर-घर पहुंचाने की सार्थक पहल घर-घर अम्बेडकर पुस्तिका का वितरण कर एक उदाहरण पेश किया है |
इस अवसर पर टापरा मे एक कार्यक्रम भी आयोजित किया जिसके मुख्य अथिति मा. भैरुलाल नामा ने बाबा साहब की तस्वीर पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया |

कार्यक्रम मै उपस्थित घर-घर अम्बेडकर अभियान , एंव शुन्यकाल चैनल के प्रतिनिधि भगवानाराम माण्डवला ने हरिश सेजु को उनके जन्म दिन पर शुन्यकाल परिवार की और से बधाई प्रेषित करते हुए बताया की अपने जन्म दिन पर मरीजो को फल वितरण , रक्तदान करके अपना जन्म दिन मनाते तो कई बार देखा है लेकिन बाबा साहब की जीवनी को अपने जन्मदिन पर वितरण का यह पहला कार्यक्रम है  |
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए स्टेट एवार्डी भैरुलाल नामा ने बाबा साहब की जीवनी पर प्रकाश डालकर युवाओ को मिशन के बारे मे विस्तार से जानकारी दी |
अंत मे हरिश के पिताजी रिटा.अध्यापक फुसारामजी ने सभी आंगतुको को धन्यवाद प्रदान कर आभार जताया |
इस अवसर पर भल्लारामजी MYVS    बालोतरा अध्यक्ष, श्यामजी डांगी, सुरेशजी बॉस बालोतरा,मानाराम डांगी इंजि ,गजेन्द्रजी जोगसन असाड़ा,सरूपजी असाड़ा,गोरधनजी सिणधरी,मांगीलालजी सेजु पचपदरा,घेवरजी असाड़ा,हिरजी असाड़ा,ओमजी आसोतरा सहित कई मिशनरी उपस्थित थे |

शनिवार, 23 सितंबर 2017

अशोक गौड ग्राम देवरी तहसील मकराना जिला नागौर को बहुजन समस्या मेला (युवा प्रकोष्ट) के महासचिव मनोनित किया |

अशोक गौड बहुजन समस्या मेला (युवा प्रकोष्ठ) राजस्थान के प्रदेश महासचिव मनेनित !




बहुजन समस्या मेला राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष भगवानाराम मांडवला ने मा. अशोक गौड ग्राम देवरी तहसील मकराना जिला नागौर को बहुजन समस्या मेला के राष्ट्रीय संयोजक मान्यवर डॉक्टर आरबीएस पुष्कर जी के आदेशानुसार युवा प्रकोष्ठ के महासचिव पद पर मनोनीत किया गया है |

 प्रदेश अध्यक्ष भगवानाराम मांडवला ने बताया कि अशोक गौड को यह नियुक्ति उनके द्वारा समाज हित मैं उनके द्वारा समय-समय पर किए गए योगदान एवं समाज के प्रति निष्ठा को देखते हुए किया गया है|
अशोक गौड दलित , पिछड़े , वंचितों के हक एवं अधिकार की लड़ाई हमेशा से लड़ते आ रहे हैं | वह समय समय पर राजस्थान सहित लगभग संपूर्ण भारतवर्ष में हो रहे दलित , शोषित उत्पीड़न में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेकर उन्हें हक़ एवं न्याय दिलाने में अपनी महती भूमिका निभाते हैं | बौद्ध फुले ,शाहू , आंबेडकर , पेरियार की विचारधाराओं को जन जन तक पहुंचाने में हमेशा अग्रसर रहते हैं |
माण्डवला ने बताया कि राष्ट्रीय बहुजन समस्या मेला संगठन संपूर्ण भारतवर्ष में लगातार हो रहे बहुजन उत्पीड़न में उच्चाधिकारियों से सीधा संवाद कर उन्हें हक एंव अधिकार दिलवाने को कटिबद्ध है |
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शुक्रवार, 15 सितंबर 2017

आहोर- केनपुरा (पाली)के आवासिय विधालय मे छात्र की मृत्यु प्रकरण मे सामाजिक संगठनो ने सामुहिक रूप से एक साथ सौपे दो ज्ञापन

केनपुरा के आवासिय विधालय मे छात्र की मृत्यु प्रकरण मे  सामाजिक संगठनो ने सामुहिक रूप से एक साथ सौपे दो ज्ञापन.....


*शेड्यूल स्टूडेंट्स एण्ड यूथ यूनियन ब्लाॅक-आहोर (जालोर)*

आज दिनांक15 सितम्बर शुक्रवार प्रातः 11:00 बजे तहसीलदार पंकज जैन को राज्यपाल के नाम पाली के केनपुरा(रानी)अम्बेडकर आवासीय विद्यालय में अध्ययनरत जितेन्द्र पुत्र मोहनलाल मेघवाल निवासी जालोर के तेज बुखार के चलते हुई मौत व चौहटन के अनुसुचित जाति की बलात्कार महीला के आत्महत्या को लेकर बहुजन समाज के शेड्यूल स्टूडेंट्स एण्ड यूथ यूनियन ब्लाॅक इकाई-आहोर एवं डॉ.अम्बेडकर सेवा समिति उम्मेदपुर व  सामाजिक संगठन अम्बेडकर युवा मंडल आहोर के कार्यकर्ताओ ने ज्ञापन दिया ।
उक्त जितेन्द्र कुमार पुत्र मोहनलाल मेघवाल निवासी आलवाडा पंचायत समिति सायला (जालोर)आवासीय विद्यालय कानपुरा में कक्षा 9 वीं मे अध्ययन किया करता था जिसे दिनांक-16/8/17 को तेज बुखार आया तब जितेंद्र ने विद्यालय के वार्डन व प्रधानाचार्य को सुचना दी तब सामान्य बुखार समझकर वार्डन ने सामान्य टेबलेट्स देकर आनाकानी कर दिया।
अगले दिन सुबह से तपते हुए मासूम बच्चे ने परख प्रथम परिक्षा-017 दी 19/7/17 तक बुखार से पिडित रहा इस दौरान साथ रहते बच्चो ने जितेन्द्र की बुखार की सुचना उसके मोहनलाल को फोन पर दी तो अगले दिन दिनाक-21/8/17 पिता विद्यालय में पहुंच कर इलाज के लिए रानी लेकर गये जहां डेंगू होना बताया गया,तब मासूम को लेकर रानी से पिता जोधपुर में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था इस दौरान मासूम जितेन्द्र की इसी दिनांक-21/8/17 को अस्पताल में ही हो गई।
इसी के सम्बंध को लेकर भविष्य में इस प्रकार की लापरवाही की प्रसाशन की ओर से पुनरावृति न हो तथा बहुजन समाज के गरीब बच्चे मौत से बचे.....
को लेकर ज्ञापन सौंपा गया इस मौके पर *SSYU-ब्लाॅक आहोर के*
*ब्लाॅक प्रभारी* *पी.के.चुण्डावत,*
*ब्लाॅक संयोजक नरेश बाजक,*
*सिलावटी शिक्षा समिति एवं सिलावटी मेघवाल समाज के पुर्व अध्यक्ष छगनजी बामणिया चादराई*
*जोगाराम वेडिया उपसरपंच*
*सुरेश मादडी,ईश्वर बोस पादरली,दिपारामजी,सकाराम,किशौर कवरडा,उत्तम आहोर,नरपत गोदन,जितेन्द्र*
     *आहोर ग्रामीण इकाई संयोजक दिनेश सोलंकी,*
*सह संयोजक गोपाल जी*
*पावटा संयोजक गोविंद परिहार,महेन्द्र परिहार*
एवं *डॉ.अम्बेडकर सेवा समिति उम्मेदपुर से सुरेश पावटा*
*अम्बेडकर युवा मंडल आहोर* के
*अध्यक्ष दिनेश सो

गुरुवार, 14 सितंबर 2017

DSMM के राज्य संयोजक कॉमरेड किशन मेघवाल के परिवाद पर छात्रावास के बाहर खतरनाक तरीके से लगा बिजली ट्रांसफर हटाने के आदेश !

प्रेस विज्ञप्ति :-


छात्रावास के बाहर खतरनाक तरीके से लगा बिजली का ट्रांसफार्मर हटाने के आदेश:-

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गुरूवार को जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में हुई जिला सतर्कता समिति का फैसला
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जोधपुर 14 सितंबर। जिला कलेक्टर जोधपुर की अध्यक्षता में  गुरूवार को हुई जिला सतर्कता समिति की बैठक में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा संचालित भगत की कोठी जोधपुर स्थित नवजीवन छात्रावास के मुख्य द्वार पर कई वर्षों से खतरनाक तरीके से लगा हुआ बिजली का ट्रांसफार्मर को हटाने के आदेश डिस्कॉम को दिए हैं इस संबंध में दलित शोषण मुक्ति मंच(डीएसएमएम) के राज्य संयोजक किशन मेघवाल ने एक परिवाद दायर किया था ।

 डीएसएमएम के राज्य संयोजक किशन मेघवाल ने बताया कि कुछ माह पूर्व सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा संचालित छात्रावासों का दौरा किया था, जहाँ अनेक अव्यवस्थाऐं पाई गई, इस संबंध में एक शिष्टमंडल जिला कलेक्टर से मिला, प्रतिनिधिमंडल ने कलेक्टर को बताया कि पीने के पानी का कनेक्शन सहित मूलभूत सुविधाएं नहीं हैं ,मांगपत्र में बताया  कि छात्रावास से आने जाने के लिए एकमात्र द्वार है उस पर भी बिजली का बहुत बड़ा ट्रांसफार्मर लगा हुआ है जो कभी भी छात्रों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है ।विद्यार्थी हित में मामला सतर्कता समिति में दर्ज किया गया, आज की बैठक से पूर्व दो दिन पहले ही जनस्वाथ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग ने पीने के पानी का कनेक्शन दे दिया परंतु डिस्काॅम ने अपने काम से आना-कानी की नीति अपनाई ,जिस पर सतर्कता समिति के अध्यक्ष जिला कलेक्टर ने नाराजगी व्यक्त की साथ ही  डिस्कॉम को आदेश  दिया कि आगामी बैठक में  इस ट्रांसफार्मर को हटाकर रिपोर्ट प्रस्तुत करें।

बैठक में मेघवाल ने नवजीवन छात्रावास परिसर में संचालित एक अन्य छात्रावास  (डाॅ.भीमराव अम्बेडकर छात्रावास 11 वी रोड़ नाम से संचालित हैं) फुटबॉल बनाने पर नाराजगी जताई, क्योंकि यह छात्रावास विभाग के उप निदेशक कार्यालय परिसर में वर्षों से चल रहा था, पिछले साल इसे नवजीवन छात्रावास परिसर में ले गये, इस बार आश्चर्यजनक तरिके से बाॅबे मोटर चौराहे की एक पतली गली में एक नीजि छात्रावास के साथ शिफ्ट कर दिया,कुछ कमरे किराये से ले कर कामचलाऊ सिस्टम तैयार किया गया है, जहाँ काफी अव्यवस्थाऐं हैं ।

(किशन मेघवाल)
प्रदेश संयोजक
DSMM राजस्थान
9460590286

पाली जिले केनपुरा स्थित अम्बेड़कर आवासीय विद्यालय में अध्ययनरत आलवाड़ा(सायला)निवासी छात्र जितेंद्र की मृत्यु के लापरवाह जिम्मेदारनों पर कार्यवाही हेतु अम्बेडकर सेवा समिति सायला के बैनर तले एसडीएम सायला के मार्फत महामहिम राज्यपाल महोदय को ज्ञापन भेजा।

पाली जिले केनपुरा स्थित अम्बेड़कर आवासीय विद्यालय में अध्ययनरत आलवाड़ा(सायला)निवासी छात्र जितेंद्र की  मृत्यु के लापरवाह जिम्मेदारनों पर कार्यवाही हेतु अम्बेडकर सेवा समिति सायला के बैनर तले एसडीएम सायला के मार्फत महामहिम राज्यपाल महोदय को ज्ञापन भेजा।

 गौरतलब हैं कि तंत्र की लापरवाही के चलते उक्त छात्रावास में अब तक 3 छात्र काल के ग्रास बन चुके हैं।
        साथ ही आहोर थाना क्षेत्र के अगवरी,कवराड़ा एवं  शंखवाली और चौहटन की घटना के सम्बन्ध में दोषियों पर कार्यवाही हेतु पृथक से ज्ञापन दिया।


चौहटन (बाडमेर)रैप पीडिता के आत्महत्या प्रकरण मे बहुजन समस्या मेला एंव समवैचारिक संगठनो ने सौंपा ज्ञापन

चौहटन (बाडमेर)रैप पीडिता के आत्महत्या प्रकरण मे  बहुजन समस्या मेला एंव समवैचारिक संगठनो ने सौंपा ज्ञापन


 बाड़मेर जिले के चौहटन थाना अंतर्गत  रेप के मामले मे आरोपियों को गिरफ्तार नहीं करने एवं आरोपियों द्वारा राजीनामे का दबाव बनाने से दबाव में आकर पीड़िता द्वारा आत्महत्या के मामले में मुलजिमानों को गिरफ्तार करने की मांग को लेकर बहुजन समस्या मेला राजस्थान , बामसेफ राजस्थान सहित समवैचारिक संगठनों ने महामहिम राज्यपाल के नाम एक ज्ञापन जिला कलेक्टर जालोर को सुपुर्द किया |

ज्ञापन में बताया गया कि इस थाने में अनुसूचित जाति की बलात्कार पीड़िता के आत्महत्या के मामला में बुठराठोडान गांव की  पीड़िता ने अपने दुष्कर्म का मामला दर्ज करवाया था , जिसमें नामजद मूलजिमान  तनसिंह खेत सिंह लखसिह पुत्र खते सिंह जाति राजपूत के खिलाफ में किया | जिसकी जांच SC /ST सेल बाड़मेर के सीईओ श्री रतनलाल ने  मुलजीमानो को दोषी मानते हुए गिरफ्तारी के आदेश SP बाड़मेर द्वारा जारी होने के बाद चौहटन पुलिस में मुलजिमानों की गिरफ्तारी नहीं करने से मुलजीमानो का हौसला बढ़ा और पीड़िता के परिवार को धमकाने लगे और दहशत का माहौल तैयार किया गया |
इसकी शिकायत पिडित परिवार द्वारा  जिला पुलिस अधीक्षक बाड़मेर कार्यालय में पहुंचकर लिखित में की थी ,  लेकिन पुलिस प्रशासन ने किसी प्रकार की मदद या सुरक्षा नही कि , जिससे परेशान होकर पिडीता ने पानी के टांके मे कुदकर आत्म हत्या कर ली |
इस मामले मे समय रहते गिरफ्तारी नही होने पर आन्दोलन की चेतावनी दी गई |
इस दौरान राष्ट्रीय मुलनिवासी संघ प्रदेश अध्यक्ष मंगलाराम भील , भगवानाराम माण्डवला प्रदेश अध्यक्ष बहुजन समस्या मेला राजस्थान , सुरेश वाघेला प्रदेश अध्यक्ष बामसेफ , छगनाराम बडी विरोल सांचोर , दिनेश सांचोर हंजाराम सोलंकी राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य बामसेफ सहित कई कार्यकर्ता मौजुद थे |

गुरुवार, 7 सितंबर 2017

महेन्द्र लोहिया बहुजन समस्या मेला राजस्थान के प्रदेश उपाध्यक्ष मनोनित !

जालोर - महेन्द्र लोहिया बहुजन समस्या मेला राजस्थान के प्रदेश उपाध्यक्ष मनोनित !


बहुजन समस्या मेला के राष्ट्रीय मुख्य संरक्षक डा.RBS पुष्कर के निर्देशानुसार राजस्थान उपाध्यक्ष पद पर महेन्द्र लोहिया पुत्र मा.मंगलाराम
मु.पो.कुंपडास जिला नागौर को मनोनित किया जाता है |
प्रदेश अध्यक्ष भगवानाराम माण्डवला ने बताया कि महेन्द्र लोहिया को यह नियुक्ति उनके द्वारा समय - समय पर बहुजन हित मे किये जा रहे कार्यो , फुले , अम्बेडकरी विचारधारा को बहुजन समाज के घर-घर तक पहुंचाने मे किये जा रहे कार्यो को देखते हुए कि गई है |
माण्डवला ने बताया कि बहुजन समस्या मेला एक राष्ट्रीय संगठन है जो संपुर्ण देश मे बहुजनो पर हो रहे शोषण , उत्पीडन मे न्याय के लिए प्रतिबद्ध है |
महेन्द्र लोहिया के प्रदेश उपाध्यक्ष बनने पर समस्त बहुजन हितैषी समवैचारिक संगठनो ने भी लोहियो को शुभकामनाए प्रेषित कर समाज हित मे सहयोग देने का आश्वान दिया है |

सोमवार, 4 सितंबर 2017

यदि आपके खून में ज़रा भी गैरत है तो अपने सोये हुए जमीर कॊ जगाओ औऱ बाबा के मिशन में जुट जाओ।

"क्या करें डाक्टर साहब /भाई साहब नौकरी/कारोबार से बिल्कुल समय नहीँ मिलता जो अपने महापुरूषो के विचारों कॊ समाज में फैलायें।"



          उपरोक्त धारणा हमारे उन उच्च शिक्षित नौकरी पेशा/कारोबारी भाइयों की हैं जो आज जो कुछ हैं, अपने मसीहा बाबा साहब डा० अम्बेडकर जी की बदौलत हैं। बाबा साहब ने सही कहा था कि मुझे मेरे पढ़े लिखे लोग धोखा देंगे।

           अरे बेशर्मों गद्दारो यदि आपकी तरह बाबा साहब भी ख़ुदगर्ज होते औऱ खुद अपने एवं अपने परिवार के लिए ही व्यस्त रहते तो क्या आज आपको यह कहने का अवसर मिलता कि हम व्यस्त रहते हैं। अरे अहसान फरोसो यदि बाबासाहब अपने बच्चों की कुर्बानी देकर हमारे लिए कुछ नहीँ करते तो आप व्यस्त तो रहते किंतु इस स्थिति के बजाय झाडू औऱ हांडी लटकाए व्यस्त रहते।

           यदि आपके खून में ज़रा भी गैरत है तो अपने सोये हुए जमीर कॊ जगाओ औऱ बाबा के मिशन में जुट जाओ।

    याद रखो यदि ऐसे ही सोते रहे तो अपने बच्चों की नौकरी की उम्मीद छोड़ दो क्योंकि आरक्षण समाप्त नहीँ तो निष्क्रिय होने की तैयारियाँ हो रही हैं।...............तथागत आपको सद्बुद्धि दें।

Dr.RBS Pushkar की फेसबुक वॉल से 

शनिवार, 2 सितंबर 2017

रामनिवास मेघवाल बहुजन समस्या मेला नागौर के प्रभारी मनोनित |

रामनिवास मेघवाल बहुजन समस्या मेला नागौर के प्रभारी मनोनित |


बहुजन समस्या मेला राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष भगवानाराम माण्डवला ने रामनिवास मेघवाल तेतरवालो कीढाणी पोस्ट भींचावा मकराना  को जोधपुर संभाग अध्यक्ष मिथुनराज बौद्ध की अनुशंषा पर नागौर जिला प्रभारी के पद पर मनोनित किया गया है |

रामनिवास मेघवाल को यह नियुक्ति उनके द्वारा बहुजन मिशन के प्रति निष्ठा , त्याग और संघर्ष को देखते हुए की गई है |

प्रदेश अध्यक्ष माण्डवला ने बताया कि बहुजन समस्या मेला एक राष्ट्रीय संगठन है , जो बहुजन समाज के दबे ,कुचले, वंचित , शोषित समाज को उनके हक और अधिकार की लडाई को प्रतिबद्ध है |
रामनिवास मेघवाल की नियुक्ति पर बहुजन समाज के युवाओ ने उनको को बधाई देकर संघर्ष मे सहयोग देने का आश्वासन दिया है |

मुकेश जिनागल बहुजन समस्या मेला मकराना तहसील अध्यक्ष मनोनित |

मुकेश जिनागल बहुजन समस्या मेला मकराना तहसील अध्यक्ष मनोनित |



बहुजन समस्या मेला राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष भगवानाराम माण्डवला ने मुकेश जिनागल पुत्र मा.मुलारामजी गांव कचोलिया तहसील मकराना को जोधपुर संभाग अध्यक्ष मिथुनराज बौद्ध की अनुशंषा पर तहसील अध्यक्ष के पद पर मनोनित किया गया है |

मुकेश जिनागल को यह नियुक्ति उनके द्वारा बहुजन मिशन के प्रति निष्ठा , त्याग और संघर्ष को देखते हुए की गई है |

प्रदेश अध्यक्ष माण्डवला ने बताया कि बहुजन समस्या मेला एक राष्ट्रीय संगठन है , जो बहुजन समाज के दबे ,कुचले, वंचित , शोषित समाज को उनके हक और अधिकार की लडाई को प्रतिबद्ध है |
जिनागल की नियुक्ति पर बहुजन समस्या मेला जोधपुर संगाग अध्यक्ष मिथुन बौद्ध , हरकाराम जिनागल , मुकेश मेघवाल , कमल जिनागल , गोविन्द , रघुराज भाटी सहित कई युवाओ ने   जिनागल को बधाई देकर संघर्ष मे सहयोग देने का आश्वासन दिया है |

गुरुवार, 31 अगस्त 2017

दिवंगत भंवरलाल थांवला के दुसरे परिनिर्वाण दिवस पर रक्तदान कर याद किया

दिवंगत भंवरलाल थांवला के दुसरे परिनिर्वाण दिवस पर रक्तदान कर याद किया !

बहुजन समाज के दिवंगत युवा नेता एवं समाजसेवी राष्ट्रीय सर्व मेघवंश महासभा के राष्ट्रीय महासचिव , अंबेडकर सेना राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष एवं पब्लिक पार्टी ऑफ इंडिया के प्रदेश उपाध्यक्ष भंवरलाल थांवला के परिनिर्वाण दिवस पर आज राजकीय चिकित्सालय जालोर में उनकी याद में बहुजन समस्या मेला राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष भगवानाराम माण्डवला , बामसेफ प्रदेश अध्यक्ष सुरेश वागेला , दिवंगत भंवर लाल जी के पिता मान्यवर मांगीलाल जी पूर्व जिला परिषद सदस्य की उपस्थिति में उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित कर याद किया गया |
इस दौरान रक्तदाता इंद्र थावला , भगवानाराम मांडवला , सुरेश बिजली , शैलेश नवापुरा , दीपक थावला , मंगल सिंह , अशोक पूंछल , श्रवण बामणिया , अशोक भादुरु , खेताराम नरसाणा , भैरू विराश , रमेश विराश , मोतीराम रांगी सहित कई युवाओं ने मिलकर 25 यूनिट रक्तदान कर उन्हे  श्रद्धांजलि अर्पित की |
इसी प्रकार बाड़मेर से मिशनरी  साथी मोटाराम चिलु (सांचोर) ने भी बाड़मेर चिकित्सालय में रक्तदान कर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित की ये |

रक्तदान के बाद मा.मांगीलाल जी ने भंवरजी को याद करते हुए उनकी समृति मे दलित चिंतक , लेखक , शुन्यकाल युट्युब चैनल एंव न्युज वेब पोर्टल के संपादक मा. भंवर मेघवंशी द्वारा लिखित घर-घर अम्बेडकर पुस्तक की प्रतिया वितरण कर एक नई मिशाल पेश की |
अंत मे बहुजन समस्या मेला राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष भगवानाराम माण्डवला ने सभी का आभार प्रकट कर समय समय पर ऐसे आयोजनो मे सहयोग का आह्वहान किया |

रविवार, 27 अगस्त 2017

हमें जातिवाद , धर्म ,वर्ण व्यवस्था और राजनीति से ऊपर उठकर राष्ट्र हित में ईमानदारी से मंथन करना ही होगा।

बंधुओ अब समय आ गया है हमें जातिवाद , धर्म ,वर्ण व्यवस्था और राजनीति से ऊपर उठकर राष्ट्र हित में ईमानदारी से मंथन करना ही होगा।

            विषय है "देश में पाखंडी बाबाओं का वर्चस्व".......सम्मानित मित्रो माननीय उच्चतम न्यायालय के बाबा राम रहीम के विरुद्ध आयॆ फैसले और पूर्व में भी ऐसे ढोंगी बाबाओं को दोषी करार दिये जाने के परिपेक्ष्य में निम्न बिंदुओं पर गहन चिंतन की महती आवश्यकता है --

1-हमारे राजनीतिक रहनुमाओं की चरण वन्दना ऐसे ढोंगी बाबाओं के प्रति सिर्फ वोट की लालसा के वशीभूत रहती है ....क्या यह उचित है।
2-हमारे ये राष्ट्र के कर्णधार जो देश के कानून बनाने के साथ कानून में संशोधन भी करते हैं और इन्ही के द्वारा बनाए गए कानून के आधार पर ही  हमारे सभी माननीय न्यायालय अभियुक्तों के खिलाफ निर्णय सुनाते हैं।
       उपरोक्त बिंदु पर हमें तय करना होगा कि जब हमारे कानून बनाने वाले कर्णधार ही ऐसे बाबाओं को क्लीन चिट देते हुए उनके चरणों में नतमस्तक होते हैं और हमारे सर्व शक्तिमान राजनेता ऐसे बाबाओं को सही मानते हैं तो क्या फ़िर हमारे माननीय न्यायालय क्या इन बाबाओं को सजा सुनाकर गलत करते हैं ?

3-यदि माननीय न्यायालय के फैसले वैध हैं तो क्या इन बाबाओं को सुशोभित करने वाले हमारे ये राजनेता  बराबर के दोषी नहीँ हैं ?

4- मेरे सम्मानित बंधुओ आज हमारे राजनेताओं की क्षत्रछाया में अरबों खरबों की अकूत सम्पत्ति के स्वामी इन ढोंगी बाबाओं के अंधभक्त देश में अराजकता का माहौल बनाए हुए हैं और हमारे राजनेता धृढ इच्छा शक्ति के अभाव में बेबस नज़र आ रहे हैं।

5-अंतिम बिंदु और भी गहन चिन्तनीय है कि जब मुस्लिम धर्म की आस्था से जुड़े 3 तलाक के
माननीय न्यायालय के फैसले को देश के बीस करोड़ मुस्लिमों ने बाअदब शांतिपूर्वक स्वीकार किया तो इस बाबा के अंधभक्त देश में क्यों अराजकता फैलाकर अरबों रुपए की क्षति पहुँचाने पर आमादा हैं।

          सार्थक चर्चा की आशा में आपका एक तुच्छ मित्र ।
डाक्टर RBS पुष्कर की फेसबुक वाल से साभार

बुधवार, 23 अगस्त 2017

हनुमानाराम फागोतरा बहुजन समस्या मेला संगठन के जालोर जिलाध्यक्ष मनोनित !

हनुमानाराम फागोतरा बहुजन समस्या मेला संगठन के जालोर जिलाध्यक्ष मनोनित !

बहुजन समस्या मेला राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष भगवानाराम माण्डवला ने राष्ट्रीय मुख्य संरक्षक मा.डाक्टर RBS पुष्कर के निर्देशानुसार हनुमानाराम मेघवाल मु.पो.फागोतरा तहसील भीनमाल जिला जालोर को जिलाध्यक्ष मनोनित किया है |
माण्डवला ने बताया कि बहुजन समस्या मेला एक राष्ट्रीय संगठन है जो बहुजन हित मे दलित , शोषित , वंचित समाज के हक और अधिकार की लडाई मे हमेशा समाज के साथ अग्रिम पंक्ति मे रह कर न्याय के लिए आवाज उठाता है |
हनुमानाराम फागोतरा ने बताया कि यह एक राष्ट्रव्यापी संगठन है जो संविधान के दायरे मे रहकर पीडित व्यक्तियो को न्याय दिलवाने के लिए अधिकारियो से सीधा संवाद बनाकर न्याय के लिए संघर्षरत है |
उनहोने बताया कि जालोर जिले के शंखवाली गांव मे गत दिनो बहुजन समाज की महिला को मोटरसाइकिल पर बैठकर स्वर्णो के घर के आगे से निकलने पर की गई मारपीट मे पुलिस द्वारा अभी तक आरोपितो को अभी तक गिरफ्तार नही करने के विरोध मे आहौर उपखंड मुख्यालय पर आयोजित धरने मे सहयोग के लिए हम पुरे संगठन के साथ भाग लेकर न्याय की लडाई लडेंगे |
फागोतरा के जिलाध्यक्ष बनने पर क्षैत्र के बहुजन समाज ने फागोतरा को बधाई देते हुए हमेशा सहयोग के लिए साथ देने का विश्वास जताया |

शनिवार, 19 अगस्त 2017

मांगीलाल मेघवंशी बहुजन समस्या मेला संगठन उदयपुर संभाग अध्यक्ष मनोनित |

मांगीलाल मेघवंशी बहुजन समस्या मेला संगठन उदयपुर  संभाग अध्यक्ष मनोनित |



बहुजन समस्या मेला राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष भगवानाराम मांडवला ने मांगीलाल मेघवंशी पो.नंगाजी का खेडा तहसील भदेसर जिला चित्तौडगढ को बहुजन समस्या मेला के राष्ट्रीय संयोजक मान्यवर डॉक्टर आरबीएस पुष्कर जी के निर्देशानुसार उदयपुर संभाग के अध्यक्ष पद पर मनोनीत किया गया है |
 प्रदेश अध्यक्ष भगवानाराम मांडवला ने बताया कि मांगीलाल को यह नियुक्ति उनके द्वारा समाज हित मे समय-समय पर किए गए योगदान एवं समाज के प्रति निष्ठा एंव बाबा साहब के मिशन को आगे बढाने मे दिये गये सहयोग को  देखते हुए किया गया है|
मांगीलाल मेघवंशी दलित , पिछड़े , वंचितों के हक एवं अधिकार की लड़ाई हमेशा से लड़ते आ रहे हैं | वह समय समय पर राजस्थान सहित लगभग संपूर्ण भारतवर्ष में हो रहे दलित , शोषित उत्पीड़न में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेकर उन्हें हक़ एवं न्याय दिलाने में अपनी महती भूमिका निभाते हैं |  वह बौद्ध फुले ,शाहू , आंबेडकर , पेरियार की विचारधाराओं को जन जन तक पहुंचाने में हमेशा अग्रसर रहते हैं |
माण्डवला ने बताया कि राष्ट्रीय बहुजन समस्या मेला संगठन संपूर्ण भारतवर्ष में लगातार हो रहे बहुजन उत्पीड़न में उच्चाधिकारियों से सीधा संवाद कर उन्हें हक एंव अधिकार दिलवाने को कटिबद्ध है |
माण्डवला ने मांगीलाल मेघवंशी को जल्द ही उदयपुर संभाग के सभी जिलों की कार्यकारिणी गठित कर सूची राष्ट्रीय कार्यालय को भेजने हेतु निर्देशित किया है |

बुधवार, 16 अगस्त 2017

लक्ष्मण मेघवंशी बहुजन समस्या मेला नागौर के जिलाध्यक्ष मनोनित !

लक्ष्मण मेघवंशी बहुजन समस्या मेला नागौर के जिलाध्यक्ष मनोनित !


बहुजन समस्या मेला राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष भगवानाराम मांडवला ने जोधपुर संभाग अध्यक्ष मिथुनराज बौद्ध की अनुशंषा पर लक्ष्मण मेघवंशी पुत्र मा.मडाराम जी गांव कुम्पडवास पोस्ट मेडतारोड तह.मेडतासिटी जिला नागौर को  उनके द्वारा बहुजन समाज हित में किए गए कार्यों बाबा साहब के प्रति निष्ठा एवं  सामाजिक गतिविधियों में  हर समय अपनी भागीदारी निभाने पर भगवानाराम मांडवला ने नागौरजिले का जिला अध्यक्ष मनोनीत किया है |

भगवानाराम मांडवला ने बताया है कि बहुजन समस्या मेला एक राष्ट्रीय संगठन है जिन को राष्ट्रीय संरक्षक मान्यवर डॉक्टर आरबीएस पुष्कर जी की दिशा निर्देश मे संपूर्ण भारतवर्ष में दलितों पर हो रहे उत्पीड़नों में उन्हें अपने हक और अधिकार दिलवाने हेतु कटिबद्ध है |

बहुजन समस्या मेला संगठन किसी भी तरह के धरने प्रदर्शन में विश्वास नहीं कर उच्च अधिकारियों से सीधे संपर्क बनाकर पिछड़े एवं वंचित तबके को न्याय दिलाने हेतु प्रयासरत है | भगवानाराम मांडवला ने लक्ष्मण मेघवंशी को निर्देशित किया है कि वह जल्दी ही जिले की कार्यकारिणी बनाकर संगठन के मूल उद्देश्यों को जन-जन में पहुंचा कर उन्हे हक और अधिकार दिलाने मे अपनी महत्ती भुमिका निभायेंगे|
लक्ष्मण मेघवंशी ने बताया कि वो जल्दी ही संघठन का जिले के प्रत्येक तहसील सहित ग्रामीण क्षैत्र मे मभी विस्तार कर संघठन के मुल उद्देश्यो से अवगत करवाने हेतु बहुजन समाज की मिटींग कर रहे है |
इधर लक्ष्मण मेघवंशी के नागौर जिलाध्यक्ष बनने पर बहुजन समाज नागौर मे हर्ष की लहर छा गई है , लोगो द्वारा facebook , whatsapp , mail से भी बधाईया मिल रही है |

एक और ऊना कांड , यह कासौर गांव है गुजरात का !

उना कांड की पुनरावृति

यह
कासौर गांव है ,
गुजरात का !

यह
मॉडल है ,
गुजरात का !!

यहां
सपना सच होता है ,
मोदी के अरमान का !!

यहां
रोज उत्पीडन होता है ,
उना जैसे कांड का !!

यहां
रोज मणिबहन व शैलेष जैसा,
शोषण होता है दलितो का !!

संभल
जाओ ओ नादानो ,
शासन
आने वाला है
 बाबा साहेब के अरमान का !!

*भगवानाराम माण्डवला*
*प्रदेश अध्यक्ष*
*बहुजन समस्या मेला*
*राजस्थान*

सोमवार, 14 अगस्त 2017

बहुजन समस्या मेला संगठन की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक समपन्न !

बहुजन समस्या मेला संगठन की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक समपन्न !

बहुजन समस्या मेला संघटन की राष्ट्रीय कार्य कारिणी की बैठक इलाहाबाद के प्रीतम नगर स्थित संघटन के मुख्य संरक्षक माननीय  डा० आर बी एस पुष्कर जी के आवास पर राष्टरीय मुख्य संरक्षक  की अध्यक्षता में आहूत हुई।
अपने अध्यक्षीय प्रबोधन में डा० पुष्कर ने विस्तार से संघठन की आगामी कार्य योजना का खुलास किया।












  उन्होने रेखांकित किया की आज देश संक्रमण काल खतरनाक मंजर से से गुजर रहा है। केन्द्र मे  संघ प्रायोजित भाजपा सरकार बहुजन आरक्षण को ख़त्म करके और बाबा साहब के बनाए संविधान को नेस्तनाबूद कर मनु स्मॄति के अनुसार देश चलाने को प्रति बद्ध है , किंतु हम अपने संगठन के माध्यम से देश में 85% अनुसूचित जाति जनजाति पिछड़ी जाति एवं अल्पसंख्यकों की एकजुट होकर संघीय नापाक योजना का मुह्तोड जवाब देंगे।

  अन्य वक्ताओं में डा० यशवंत वीरोदय, डा० अमित भारती, हरियाणा से गुलाब सिंह कनौजिया, ईनामुल हक, दिनेश चौधरी, अंग राज, अश्वनी कुमार और संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेश गौतम जी ने संगठन के अन्य उददेश्य जैसे देश के सभी भागो में बैंक और उद्योग विभाग से. एक साझा कार्य क्रम के अन्तर्गत बहुजन बेरोजगारों को ऋण दिलाकर उन्हे स्वावलंबी बनाये जाने पर जोर दिया !

शनिवार, 12 अगस्त 2017

जाओ अपने घर आराम करो ये तो बेचारे 33 ही बच्चे मरे है।

गोरखपुरअस्पताल में ऑक्सिजन की कमी से 33 बच्चो की मौत पर लोगो के आक्रोशित होने का औचित्य मेरी समझ से परे  है।

   अरे भले मानुसो जब आपको मालुम है कि यहाँ  मानव मौत की कोई अहमियत नहीँ है चिंता है तो सिर्फ गाय की और यह हक दियाहै सिर्फ राष्ट्र भक्तो को बेचारे वही अपना सारा काम छोड़कर एक ही गाय के मरने पर आसमान सर पर उठा देते हैं। और वही राष्ट्र वीर किसी भी एक गाय के मरने पर गैर राष्ट्र भक्तो का जीना हराम कर देते है।

   इस लिए जाओ अपने घर आराम करो ये तो बेचारे 33 ही बच्चे मरे है। यहाँ 333 की मौत से भी  कोई फर्क नहीँ पढ़ने वाला।
                                                   Dr.RBS पुष्कर
                                               राष्ट्रीय मुख्य संरक्षक
                                               बहुजन समस्या मेला
                                                        भारत

गुरुवार, 10 अगस्त 2017

अभिव्यक्ति की आजादी पर. सत्ता का डंडा डा.आरबीएस पुष्कर

"अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर सत्ता का प्रतिबन्ध"

   बंधुओ हमें संविधान के तहत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार प्राप्त है किंतु देश में भाजपाई सत्ता आरूढ़ होने के बाद संदर्भित आजादी हमसे छीनने का एक सुनयोजित षडयंत्र चला दिया गया है।
मनुस्मृति में दर्शाई गई गैर ज़रूरी एवं किसी समाज विशेष को आहत करने वाले बिंदु को भी यदि कोई समाज सेवी सोशल मीडिया में रेखांकित करता है तो भी हमारे राष्ट्रभक्त उस समाज सेवी के खिलाफ तुरंत  किसी थाने में एफ़आईआर कराने के लिए तहरीर देते हैं और पुलिस अधिकारीसत्ता के प्रभाव में रिपोर्टदर्ज करादेते हैं।बाद में या तो न्यायालय से उस निर्दोष समाज सेवी को जमानत पर छोड़ा जाता है या फ़िर जेल भेज दिया जाता है।

      बंधुओ भारतीय मीडिया तो वैसे ही बहुजन उत्पीड़न की घटनाओं को दवाने में मशगूल है अब सोशल मीडिया जो बहुजनॉका एक सहारा है उस पर भी बहुजन भाइयोंको अपनी स्पष्ट राय देने से परोक्ष रुप से रोका जा रहा है।
                       डा.आरबीएस पुष्कर
                      मुख्य राष्ट्रीय संरक्षक
                      बहुजन समस्या मेला
                              भारत 

मिथुनराज बौद्ध बहुजन समस्या मेला जोधपुर संभाग के अध्यक्ष मनेनित !

मिथुनराज बौद्ध बहुजन समस्या मेला जोधपुर संभाग के अध्यक्ष मनेनित !

बहुजन समस्या मेला राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष भगवानाराम मांडवला ने मिथुन राज बौद्ध ग्राम कचोलिया तहसील मकराना जिला नागौर को बहुजन समस्या मेला के राष्ट्रीय संयोजक मान्यवर डॉक्टर आरबीएस पुष्कर जी के आदेशानुसार जोधपुर संभाग के अध्यक्ष पद पर मनोनीत किया गया है |
 प्रदेश अध्यक्ष भगवानाराम मांडवला ने बताया कि मिथुनराज को यह नियुक्ति उनके द्वारा समाज हित मैं उनके द्वारा समय-समय पर किए गए योगदान एवं समाज के प्रति निष्ठा को देखते हुए किया गया है|
मिथुन राज बौद्ध दलित , पिछड़े , वंचितों के हक एवं अधिकार की लड़ाई हमेशा से लड़ते आ रहे हैं | वह समय समय पर राजस्थान सहित लगभग संपूर्ण भारतवर्ष में हो रहे दलित , शोषित उत्पीड़न में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेकर उन्हें हक़ एवं न्याय दिलाने में अपनी महती भूमिका निभाते हैं | बौद्ध फुले ,शाहू , आंबेडकर , पेरियार की विचारधाराओं को जन जन तक पहुंचाने में हमेशा अग्रसर रहते हैं |
माण्डवला ने बताया कि राष्ट्रीय बहुजन समस्या मेला संगठन संपूर्ण भारतवर्ष में लगातार हो रहे बहुजन उत्पीड़न में उच्चाधिकारियों से सीधा संवाद कर उन्हें हक एंव अधिकार दिलवाने को कटिबद्ध है |
माण्डवला ने मिथुन राज को जल्द ही जोधपुर संभाग के सभी जिलों की कार्यकारिणी गठित कर सूची राष्ट्रीय कार्यालय को भेजने हेतु निर्देशित किया है |

बुधवार, 9 अगस्त 2017

प्रकाशचन्द्र बावल बहुजन समस्या मेला उदयपुर(राजस्थान) के जिलाध्यक्ष मनोनित !


प्रकाशचन्द्र बावल बहुजन समस्या मेला उदयपुर(राजस्थान) के जिलाध्यक्ष मनोनित !


बहुजन समस्या मेला राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष भगवानाराम मांडवला ने प्रकाशचंद्र बावल  जेमली तहसील गोगुंदा जिला उदयपुर को  उनके द्वारा बहुजन समाज हित में किए गए कार्यों बाबा साहब के प्रति निष्ठा एवं  सामाजिक गतिविधियों में  हर समय अपनी भागीदारी निभाने पर भगवानाराम मांडवला ने उदयपुर जिले का जिला अध्यक्ष मनोनीत किया है |

 भगवानाराम मांडवला ने बताया है कि बहुजन समस्या मेला एक राष्ट्रीय संगठन है जिन को राष्ट्रीय संरक्षक मान्यवर डॉक्टर आरबीएस पुष्कर जी की दिशा निर्देश मे संपूर्ण भारतवर्ष में दलितों पर हो रहे उत्पीड़नों में उन्हें अपने हक और अधिकार दिलवाने हेतु कटिबद्ध है |

बहुजन समस्या मेला संगठन किसी भी तरह के धरने प्रदर्शन में विश्वास नहीं कर उच्च अधिकारियों से सीधे संपर्क बनाकर पिछड़े एवं वंचित तबके को न्याय दिलाने हेतु प्रयासरत है | भगवानाराम मांडवला ने प्रकाश चंद ्रको निर्देशित किया है कि वह जल्दी ही जिले की कार्यकारिणी बनाकर संगठन के मूल उद्देश्यों को जन-जन में पहुंचा कर उन्हे हक और अधिकार दिलाने मे अपनी महत्ती भुमिका निभायेंगे|*_

रावताराम बहुजन समस्या मेला बाडमेर के जिलाध्यक्ष नियुक्त |

रावताराम बहुजन समस्या मेला बाडमेर के जिलाध्यक्ष नियुक्त |









शंकरलाल मेघवाल बिलडी बहुजन समस्या मेला चित्तौडगढ के जिला अध्यक्ष मनोनित !

बहुजन समस्या मेला
राजस्थान

शंकरलाल मेघवाल बिलडी चित्तौडगढ जिलाध्यक्ष नियुक्ति
शंकरलाल मेघवाल बिलडी

बहुजन समस्या मेला राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष भगवानाराम मांडवला ने चित्तौड़गढ़ के जिला अध्यक्ष पद हेतु शंकर लाल मेघवाल बिलडी को उनके द्वारा समाज में समय-समय पर किए गए समाज हित के कार्यों को देखते हुए जिला अध्यक्ष मनोनीत किया है |
प्रदेश अध्यक्ष माण्डवला ने बताया कि बहुजन समस्या मेला एक राष्ट्रीय सामाजिक संगठन है , यह बिना किसी राजनीति के सामाजिक उत्थान एवं समाज पर हो रही लगातार उत्पीड़न में सहयोग कर दलितो के उत्पीड़न को रोकने में सहयोग करती हैं |
माण्डवला ने बताया कि संघठन बिना किसी धरना प्रदर्शन के प्रशासन से सीधा संवाद कर बहुजन समाज के हक और अधिकारो के लिये कटिबद्ध है |
उन्होने शंकरलाल बिलडी को शिघ्र ही जिलाकार्यकारिणी का विस्तार कर संघठन के उद्देश्यो को पुर्ण करने मे सहयोग की अपेक्षा की है |
भगवानाराम माण्डवला

सोमवार, 3 जुलाई 2017

भगवानाराम माण्डवला  प्रदेश अध्यक्ष मनोनीत
क्षैत्र में छायी खुशी की लहर
बहुजन समस्या मेला संगठन के राष्ट्रीय संरक्षक डाक्टर आरबीएस पुष्कर की अनुसंषा पर भगवानाराम माण्डवला को राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष मनोनीत किया गया है |
बहुजन समस्या मेला संगठन राष्ट्रीय स्तर का शोषित , वंचित बहुजनो के हक अधिकार और उत्पीडन मे उनकी आवाज बनकर प्रशासन ओर उच्च अधिकारीयो से सीधा संवाद बनाकर न्याय दिलाने मे विश्वास रखती है |
माण्डवला ने संगठन के बारे मे बताते हुए कहां है कि यह संगठन पिछले कई सालो से संम्पुर्ण भारत भर मे काम कर रहा है , राजस्थान मे संगठन को मजबुत बनाने के लिये मुझे जो जिम्मेदारी दी गई है , मै विश्वास पर खरा उतरने की कोशिश करुंगा |
उन्होने बताया कि यह संगठन गैर राजनीतिक है , और धरना प्रदर्शन मे विश्वास नही रखता है | उन्होने बताया की संम्पुर्ण राजस्थान मे प्रत्येक जिले मे  जल्दी ही कार्यकारिणी गठित कर संगठन को मजबुती प्रदान की जायेगी |

साथ ही अध्यक्ष बनाये जाने पर माण्डवला को सोशियल मिडीया मे facebook .twetter . से बधाईयो का तांता लगा हुआ है |

सोमवार, 10 अप्रैल 2017

मसीहा
                   *******

क्यों कहे रात दिन 
हम यूँ ही बिखरते रहे

भीम बाबा तुम्हे हम याद करते रहे
भीम बाबा तुम्हे हम याद करते रहे

अब कभो हम ना भूल पाएंगे
फ़र्ज़ बाबा के त्याग का निभाएंगे

भीमराव ने जो दिया हमको दोस्तों
क्या कहे सारे हक़ दिलाया हमको दोस्तों

वो मसीहा ही था एक इंसान था
जिसने खुद को जलाकर किया राख था

भीमाबाई का बेटा रमा का पति 
जिसने करके त्याग और रमा थी सती

सो रहा था समाज भीम ने जाना था तभी
रात दिन जागकर भीम ने पढ़ा था तभी

तब कलम ना रुकी भीम की थी कभी
अपने सोते समाज को जगाया भीम ने

आज सोने को बिस्तर और घर भी मिले
शिक्षा के अधिकार अछूतों को भी मिले

सती होती थी नारी तभी देश में
सभी अधिकार दिलाये तभी भीम ने

क्यूँ कहे रात दिन हम यूँ ही बिखरते रहे
भीम बाबा तुम्हे हम याद करते रहे !!!!!!



                कंचन भारती
                598/5
                आगरा
          💐💐💐💐💐

शुक्रवार, 7 अप्रैल 2017

क्या जीवन इसको कहते है |

चलते चलते इस जीवन में
सुबह हुई फिर शाम हुई,,

एक रौशनी जीवन की थी
एक हुई थी इस नाम हुई

कहाँ छुपा था जीवन मेरा
जान हुई ना पहचान हुई

एक अँधेरे जीवन की वो उदगार बानी
नारी हूँ अब नारी होकर जीवन का उद्धार बनी

नहीं समझना अब एक पल भी क्या नारी क्या जीवन है
अँधेरे पथ पर चलते चलते खो जाना क्या जीवन है

आन नही पहचान नही क्या जीवन इसको कहते है
नारी के आँचल में ही पुरुषो के जीवन पलते है

बचपन छिना,यौवन छिना जीवन छीन लिया
क्या खोया क्या पाया बस इस धरती का उद्धार किया

बुद्धि विवेक कुशलता पाकर भी जीवन में अंधकार हुआ
सारा जीवन नाम तेरे फिर भी कुछ न साकार हुआ

सोचा था क्या खुद को खोकर नारी ने इस जीवन में क्या कार्य किया
तुझको जीवन देकर तेरे सृजन को साकार किया

तेरी होकर तेरी रचना तेरे जीवन को आकार दिया
तूने मुझको कुछ ना समझा हरदम ही दुत्कार दिया

अब पूछे मुझसे ही हरदम मैंने तुझ पर क्या उपकार किया
तू ना जाने मुझको तूने हरदम ही दुत्कार दिया

सुबह हुई मेरे जीवन की देख ना पाई एक भी पल
जिन्दा हूँ कैसे जीवन पथ पर जीती हूँ बस मर मर कर

ऐसी भी क्या जीवन रचना जिसका कोई भान ना हो
नारी हूँ तो लेकिन जिसका कोई सम्मान ना हो

सुबह हुई थी जब जीवन की प्रतिक्रिया में उल्लास हुआ
आज समझती हूँ जीवन जीने का एक प्रयास हुआ

हार नही मानी हमने जीवन में हार नही मानूँगी अब
जीवन को तो जी चुकी जीवन की शाम ना मानूँगी अब

हर दिन सिर्फ सबेरा होगा शाम ना होगी जीवन में
जीकर देखा खोकर देखा क्या है सावन जीवन में

होंगे कितने व्यर्थ सदा जीवन में बहता पानी है
नारी जीवन सदियो से तेरी यही कहानी है
नारी जीवन सदियो से तेरी यही कहानी है


   कंचन भारती
598/5 आगरा

बुधवार, 5 अप्रैल 2017

क्यूँ सदियो से नारी को कभी नही सम्मान मिला
तिल तिल कर मरती है नारी घुट घुट कर जीती रहती
सदियो बाद भी माँ बहनो पत्नी के जीवन जीती रहती
नही मिला कोई अब तक जो नारी को इंसान कहे
नही मिला कोई अब तक भी जो नारी का सम्मान करे
इस्तेमाल सभी करते है कोई नही कहता इंसान उसे
क्या नारी सदियो तक अब ऐसे ही मारी जायेगी
कब तक आखिर घुट घुट कर नारी पुरुषो की खातिर
माँ, बहन,पत्नी,और प्रेयशी  बनकर पुरुषो का मान बढ़ाएगी
कभी तो उसका दिल भी उससे कहता होगा
कभी तो खुद की खातिर भी जीने को आतुर होता होगा
आखिर कब तक नैनो में आँशु भरकर तुमको खुशिया देगी
कभी तनिक अहसास करो उसके नारी पन का
कभी कभी सोचो नारी के अदभुत जीवन का
जिसने तुमको हमको सबको जन्म दिया सम्मान दिया
फिर भी सदियो से तुमने नारी जीवन का अक्सर अपमान किया
फिर भी क्यूँ तुमने नारी जीवन को अक्सर ही दुत्कार दिया
सदियो से रोई तड़पी अब शिक्षित होकर भी नारी ने
इज़्ज़त और अपमान की खातिर ही अब तक सम्मान ना पाया नारी ने


     कंचन भारती
598/5    आवास विकास कॉलोनी
बोदला सिकन्दरा ,आगरा !

सोमवार, 3 अप्रैल 2017

मेरे ग्रामीण अंचल के ओबीसी कोटे




के आरक्षित वर्ग के मित्रो कम से कम आप तो हम दलितों के साथ ज्यादा कुछ नही तो रोटी का रिश्ता तो बना ही लीजिए।
     जहाँ एक ओर हमारे राष्ट्र भक्त पुरजोर कोशिश कर रहे है कि अब सभी नागरिक देश मे समान भाव से मिलजुलकर रह रहे हैं इसलिए अब आरक्षण समाप्त होना चाहिए। हालांकि वे मेरे इस दर्द को भलीभांति समझते हैं हम आज भी ग्रामीण अंचलों मे दोयम दर्जे के नागरिक हैं।वहाॅ हमारे ओबीसी के हमारे जैसे आरक्षित मित्र हमें तो अपने भोज कार्यक्रम मे आमंत्रित करते हैं किन्तु हमारे ऐसे किसी कार्यक्रम मे सार्वजनिक तौर पर नही आ सकते।मुझे  सामान्य वर्ग के उच्च स्तरीय मित्रो से इसकी कोई शिकायत नही है क्योंकि वे तो हमारी सामाजिक व्यवस्था से वैसे ही सर्वश्रेष्ठ हैं वे तो हमारे यहा सार्वजनिक रूप से आ ही नही सकते।
       यहाँ एक दिलचस्प पहलू और भी है कि जैसे ओबीसी भगेल समाज के बहुत से मित्र हमारी तरफ से दलित आरक्षण का लाभ उठाकर भी हमारे साथ रोटी का रिश्ता कायम करने तैयार नही हैं।
        मैं इस पूरे परिदृश्य में नमन करता हूॅ अपने उन दलित साथियो का जो ऐसे बहुजन साथियो के यहाँ भोज में सहभागी होने में खुद को गौरवान्वित महसूस करते हैं।ऐसे मेरे भीम पुत्रों को साधुवाद सहित हृदय की गहराइयों से एक बार पुनः नमन।

Written By Rbs Dr. Pushkar

( लेखक बहुजन समस्या मेला इंडिया के संयोजक है)

रविवार, 2 अप्रैल 2017

जय भीम ! जय भीम  ! जय भीम  ! आखिर क्यों जय भीम का उच्चारण करते हैं।बन्द करो  यह दिखावा। जब हम आपस मे संवाद करते हैं तो बड़े फक्र के साथ जय भीम का उच्चारण ऐसे करते हैं मानो हमसे बड़ा कोई दूसरा अम्बेडकरवादी नही हैं किन्तु फेसबुक पर उस समय हमारी आत्मा कहाँ मर जाती है जब कोई विक्रित मानसिकता का व्यक्ति हमारे मसीहा बोधिसत्व बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर जी को अपमानित करते हुए उनके लिए अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल करता है।यद्यपि उस वक्त मुझसे जितना बनता है मर्यादित भाषा मे अपनी प्रतिक्रया शेयर करता हूॅ किन्तु मेरे तथाकथित भीम बब्बर शेर कहाँ छिपे बैठे रहते है। मित्रो मै इस सन्दर्भ मे किसी को किसी के प्रति भड़का नही रहा हूॅ।यह फेसबुक विश्व का ऐसा खूबसूरत मंच है जहाँ हम अपनी मर्यादित भाषा मे अपने विचारो का आदान प्रदान कर सकते हैं।किसी को भी किसी की धार्मिक भावना और आस्था से खिलवाड करने की इजाज़त नही है।फिर भी कुछ मानसिक रोगी जातीय,धार्मिक और सम्प्रदायिक उन्माद फैलाने की कोशिश से बाज नही आते।ऐसे मे क्या हमारा यह दायित्व नही बनता कि जब कोई हमारे मसीहा को अपशब्द कहे तो हम शालीनता से उसका प्रतिवाद करें किन्तु नही यदि आपने ऐसा किया तो फेसबुक के सभी साथी आपकी जाति को जान जाएंगे जिसे आप छिपा कर जी रहे हैं और बाबा साहेब के सपनो को पलीता लगा रहे हैं।इसलिए मेरी आपसे विनती है कि आप  इस जय भीम का दिखावा बन्द कर उसी पाखण्ड वाद मे आजादी से विचरण करिए जिससे बाबा साहब ने हमे बाहर निकाला है।अंत मै नमो बुद्धाय जय भीम कहना चाहकर भी नही कह रहा क्योंकि यह आपके दिल मे नही सिर्फ मुॅह पर है जिसे आप अपनी सुविधानुसार प्रयोग करते हैं।



By-RBS Dr.Pushkar

बुधवार, 15 फ़रवरी 2017

जालोर की धरा पर बहुजन  समाज क्रान्ति का आगाज.........इस्तीफा सही है गलत पर गोपाल के इस कदमसे समाज को मजबूती मिली है ......

जालोर छात्रसंघ अध्यक्ष गोपालचाँद मेघवाल के साथ हुई मारपीट की घटना के बाद जिस तरह से राजनीती में  बदलाव हुआ है वो किसी क्रांति के आगाज़ से कम नहीं है,आखिर क्या साबित करना वाहते है हमलावर ?
वाही दूसरी और गोपालचंद मेघवाल के साथ हुए हमले के बाद कांग्रेस के एक भी बढे नेता ने गोपाल का स्वास्थ्यजानने की कोशिश नहीं की,मजबूरन गोपालचंद ने nsui की सदस्यता से इस्तीफा देना बेहतर समझा 
जालोर की बात करे तो कांग्रेस के प्रदेश महासचिव पुखराज पराशर,रतन देवासी,समर्जितसिंह,सुखराम विश्नोई,परसराम मेघवाल,रामलाल मेघवाल,सहित आला पधाधिकरियो ने अपनी और से बात तक नहीं रखी
जबकि जालोर जिला कांग्रेस के परम्परागत sc,st वोटो के लिए जाना जाता है 
कल गोपालचंद मेघवाल के साथ हुए वाक्यांश को lekar जिस तरह से अनुसूचित जाती एवम जनजाति ने एकता का जो परिचय दिया है वो प्रशंसनीय है 
राजनेतिक दलों ने हमेशा से ही अनुसूचित जाती एवं जनजाति के वोटो का इस्तमाल किया है ,जब अत्याचार और इन वर्गों के हितो की बात आती है  तो ये दल बोलने से भी कतराते है कांग्रेस हो बीजेपी अगर किसी ने भी छात्रसंघ अध्यक्ष के साथ हुई घटना पर अपना विरोध दायर करवाया होता तो मामले में तेजी आती, पर राजनेतिक दलों को कोई मतलब नहीं है अगर दलितों के होतो की चिंता होती तो उन्ना,डेल्टा मेघवाल,रोहित वेम्मुला जैसे मामले इस देश में नहीं होते 
मित्रो राजनीती करनी ही है तो स्वाभिमान के साथ करो पर अपने हितो की खातिर समाज को दांव पर मत लगाओ बहुजन समाज के स्वाभिमान के लिये किसी भी प्रकार का समझोता स्वीकार्य नहीं ........................