आज भारतीय दो अलग -अलग विचारधाराओं द्वारा शाशित शोषित हो रहे हैं। उनके राजनीतिक आदर्श जो संविधान के प्रस्तावना में इंगित हैं वो स्वतंत्रता , समानता , और भाई -चारे को स्थापित करते हैं। और उनके धर्म में समाहित सामाजिक आदर्श इससे इनकार करते हैं।डा.आम्बेडकर

शुक्रवार, 6 अक्तूबर 2017

यदि करवां चौथ करने से पति की उम्र लम्बी होती तो भारत की कोई भी महिला विधवा नही होती - कंचन भारती

आखिर ये सभी व्रत महिलाओ के लिए ही क्यों बनाये गए है....क्या कोई व्रत पुरुषों के लिए बनाया गया है भारत मे की वो व्रत रहे कि उनकी पत्नी की लंबी उम्र हो या बेटियों के लिए कोई व्रत क्यों नहीं रखती माये की उनकी बेटियों की उम्र बढ़ जाये ....क्योंकि बेटी कोई नही चाहता बेटा सभी चाहते है......ये भारत देश है...
फेसबुक से साभार.....कंचन भारती की वॉल से 


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