जाग उठोँ ऐ साथियोँ अब माहौल बनाना है।
और बाबा के लिखे संविधान को मिलकर आज बचाना है॥
संविधान की एक एक कलम में बराबरी का हक दिया।
पर मांगना नही है अब हमेँ छिनकर दिखाना है॥
अरे भूल गये हो उन दिनोँ को कितना हमेँ सताया है।
आओ मिलकर आज हमेँ उस दुश्मन को मिटाना है॥
संविधान की हर कलम ने दुश्मन का रास्ता रोका है।
अरे करता है कोई मनमानी तो इसी कलम ने टोँका है॥
अगर बदलोगे एक भी कलम तो देश को आगे धोखा है।
संभल जाओ ऐ नादानोँ अभी तुम्हे ये मौका है॥
अरे ऐहसान मानो भीम के वरना देश कभी का लूट जाता।
अगर ना होता संविधान हमारा तो भारत कभी का लूंट जाता॥
और बाबा के लिखे संविधान को मिलकर आज बचाना है॥
संविधान की एक एक कलम में बराबरी का हक दिया।
पर मांगना नही है अब हमेँ छिनकर दिखाना है॥
अरे भूल गये हो उन दिनोँ को कितना हमेँ सताया है।
आओ मिलकर आज हमेँ उस दुश्मन को मिटाना है॥
संविधान की हर कलम ने दुश्मन का रास्ता रोका है।
अरे करता है कोई मनमानी तो इसी कलम ने टोँका है॥
अगर बदलोगे एक भी कलम तो देश को आगे धोखा है।
संभल जाओ ऐ नादानोँ अभी तुम्हे ये मौका है॥
अरे ऐहसान मानो भीम के वरना देश कभी का लूट जाता।
अगर ना होता संविधान हमारा तो भारत कभी का लूंट जाता॥
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