आज भारतीय दो अलग -अलग विचारधाराओं द्वारा शाशित शोषित हो रहे हैं। उनके राजनीतिक आदर्श जो संविधान के प्रस्तावना में इंगित हैं वो स्वतंत्रता , समानता , और भाई -चारे को स्थापित करते हैं। और उनके धर्म में समाहित सामाजिक आदर्श इससे इनकार करते हैं।डा.आम्बेडकर

शनिवार, 7 अक्तूबर 2017

अनारक्षित सीट पर किसी भी जाति,समाज, धर्म का व्यक्ति चुनाव लड़ सकता है।

अनारक्षित टिकट

अजमेर में सांसद सांवर लाल जाट के निधन से रिक्त हुई सीट के लिए शीघ्र ही उप चुनाव होने जा रहे हैं। माननीय मुख्यमंत्री जी अजमेर आईं हुईं हैं। BJP की तरफ से प्रत्याशी का चयन होना है। जाति समाज के कई वर्ग अपने समाज के व्यक्ति को टिकट देने की मांग कर रहे हैं। स्थानीय टीवी चैनल ने रिपोर्ट दिखाई। अजमेर सांसद की सीट अनारक्षित है। जाट, रावत, गुर्जर, वेश्य, समुदाय के लोग सांसद रहते आये हैं।  SC वर्ग के व्यक्ति को कभी भी टिकट नहीं दिया गया है। कल माननीय मुख्यमंत्री से जाट, रावत, राजपूत, जैन, वर्ग के लोगों ने टिकट देने की मांग की। *लेकिन SC वर्ग के किसी भी व्यक्ति ने / वर्ग ने टिकट की मांग नहीं की।* अनारक्षित सीट पर किसी भी जाति,समाज, धर्म का व्यक्ति चुनाव लड़ सकता है।  SC वर्ग के लोग किसी भी पार्टी से टिकट की मांग नहीं कर रहे हैं।
सब जानते हैं कि हमारी स्थिति क्या है।  लेकिन फिर भी SC  वर्ग के कई कथित बुद्धिजीवी/ राजनेता टिप्पणी करते हैं कि आरक्षण नहीं रहना चाहिए या समीक्षा होनी चाहिए। SC वर्ग के कान्वेंट, पब्लिक स्कूल की पढी कुछ औलादों में डाॅ भीमराव अम्बेडकर साहब के प्रति नमक हरामी की भावना ज्यादा देखी जा रही है। उन्हें यही लगता है कि *'हम आज जो कुछ भी हैं वह सब हमारी मेहनत और पापा के पैसों के बल पर ही हैं।'*
जागो ! जागो !! जागो !!!
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डाॅ गुलाब चन्द जिन्दल अजमेर

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