मसीहा
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क्यों कहे रात दिन
हम यूँ ही बिखरते रहे
भीम बाबा तुम्हे हम याद करते रहे
भीम बाबा तुम्हे हम याद करते रहे
अब कभो हम ना भूल पाएंगे
फ़र्ज़ बाबा के त्याग का निभाएंगे
भीमराव ने जो दिया हमको दोस्तों
क्या कहे सारे हक़ दिलाया हमको दोस्तों
वो मसीहा ही था एक इंसान था
जिसने खुद को जलाकर किया राख था
भीमाबाई का बेटा रमा का पति
जिसने करके त्याग और रमा थी सती
सो रहा था समाज भीम ने जाना था तभी
रात दिन जागकर भीम ने पढ़ा था तभी
तब कलम ना रुकी भीम की थी कभी
अपने सोते समाज को जगाया भीम ने
आज सोने को बिस्तर और घर भी मिले
शिक्षा के अधिकार अछूतों को भी मिले
सती होती थी नारी तभी देश में
सभी अधिकार दिलाये तभी भीम ने
क्यूँ कहे रात दिन हम यूँ ही बिखरते रहे
भीम बाबा तुम्हे हम याद करते रहे !!!!!!
कंचन भारती
598/5
आगरा
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