बंधुओ अब समय आ गया है हमें जातिवाद , धर्म ,वर्ण व्यवस्था और राजनीति से ऊपर उठकर राष्ट्र हित में ईमानदारी से मंथन करना ही होगा।
विषय है "देश में पाखंडी बाबाओं का वर्चस्व".......सम्मानित मित्रो माननीय उच्चतम न्यायालय के बाबा राम रहीम के विरुद्ध आयॆ फैसले और पूर्व में भी ऐसे ढोंगी बाबाओं को दोषी करार दिये जाने के परिपेक्ष्य में निम्न बिंदुओं पर गहन चिंतन की महती आवश्यकता है --
1-हमारे राजनीतिक रहनुमाओं की चरण वन्दना ऐसे ढोंगी बाबाओं के प्रति सिर्फ वोट की लालसा के वशीभूत रहती है ....क्या यह उचित है।
2-हमारे ये राष्ट्र के कर्णधार जो देश के कानून बनाने के साथ कानून में संशोधन भी करते हैं और इन्ही के द्वारा बनाए गए कानून के आधार पर ही हमारे सभी माननीय न्यायालय अभियुक्तों के खिलाफ निर्णय सुनाते हैं।
उपरोक्त बिंदु पर हमें तय करना होगा कि जब हमारे कानून बनाने वाले कर्णधार ही ऐसे बाबाओं को क्लीन चिट देते हुए उनके चरणों में नतमस्तक होते हैं और हमारे सर्व शक्तिमान राजनेता ऐसे बाबाओं को सही मानते हैं तो क्या फ़िर हमारे माननीय न्यायालय क्या इन बाबाओं को सजा सुनाकर गलत करते हैं ?
3-यदि माननीय न्यायालय के फैसले वैध हैं तो क्या इन बाबाओं को सुशोभित करने वाले हमारे ये राजनेता बराबर के दोषी नहीँ हैं ?
4- मेरे सम्मानित बंधुओ आज हमारे राजनेताओं की क्षत्रछाया में अरबों खरबों की अकूत सम्पत्ति के स्वामी इन ढोंगी बाबाओं के अंधभक्त देश में अराजकता का माहौल बनाए हुए हैं और हमारे राजनेता धृढ इच्छा शक्ति के अभाव में बेबस नज़र आ रहे हैं।
5-अंतिम बिंदु और भी गहन चिन्तनीय है कि जब मुस्लिम धर्म की आस्था से जुड़े 3 तलाक के
माननीय न्यायालय के फैसले को देश के बीस करोड़ मुस्लिमों ने बाअदब शांतिपूर्वक स्वीकार किया तो इस बाबा के अंधभक्त देश में क्यों अराजकता फैलाकर अरबों रुपए की क्षति पहुँचाने पर आमादा हैं।
सार्थक चर्चा की आशा में आपका एक तुच्छ मित्र ।
डाक्टर RBS पुष्कर की फेसबुक वाल से साभार
विषय है "देश में पाखंडी बाबाओं का वर्चस्व".......सम्मानित मित्रो माननीय उच्चतम न्यायालय के बाबा राम रहीम के विरुद्ध आयॆ फैसले और पूर्व में भी ऐसे ढोंगी बाबाओं को दोषी करार दिये जाने के परिपेक्ष्य में निम्न बिंदुओं पर गहन चिंतन की महती आवश्यकता है --
1-हमारे राजनीतिक रहनुमाओं की चरण वन्दना ऐसे ढोंगी बाबाओं के प्रति सिर्फ वोट की लालसा के वशीभूत रहती है ....क्या यह उचित है।
2-हमारे ये राष्ट्र के कर्णधार जो देश के कानून बनाने के साथ कानून में संशोधन भी करते हैं और इन्ही के द्वारा बनाए गए कानून के आधार पर ही हमारे सभी माननीय न्यायालय अभियुक्तों के खिलाफ निर्णय सुनाते हैं।
उपरोक्त बिंदु पर हमें तय करना होगा कि जब हमारे कानून बनाने वाले कर्णधार ही ऐसे बाबाओं को क्लीन चिट देते हुए उनके चरणों में नतमस्तक होते हैं और हमारे सर्व शक्तिमान राजनेता ऐसे बाबाओं को सही मानते हैं तो क्या फ़िर हमारे माननीय न्यायालय क्या इन बाबाओं को सजा सुनाकर गलत करते हैं ?
3-यदि माननीय न्यायालय के फैसले वैध हैं तो क्या इन बाबाओं को सुशोभित करने वाले हमारे ये राजनेता बराबर के दोषी नहीँ हैं ?
4- मेरे सम्मानित बंधुओ आज हमारे राजनेताओं की क्षत्रछाया में अरबों खरबों की अकूत सम्पत्ति के स्वामी इन ढोंगी बाबाओं के अंधभक्त देश में अराजकता का माहौल बनाए हुए हैं और हमारे राजनेता धृढ इच्छा शक्ति के अभाव में बेबस नज़र आ रहे हैं।
5-अंतिम बिंदु और भी गहन चिन्तनीय है कि जब मुस्लिम धर्म की आस्था से जुड़े 3 तलाक के
माननीय न्यायालय के फैसले को देश के बीस करोड़ मुस्लिमों ने बाअदब शांतिपूर्वक स्वीकार किया तो इस बाबा के अंधभक्त देश में क्यों अराजकता फैलाकर अरबों रुपए की क्षति पहुँचाने पर आमादा हैं।
सार्थक चर्चा की आशा में आपका एक तुच्छ मित्र ।
डाक्टर RBS पुष्कर की फेसबुक वाल से साभार
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