आज भारतीय दो अलग -अलग विचारधाराओं द्वारा शाशित शोषित हो रहे हैं। उनके राजनीतिक आदर्श जो संविधान के प्रस्तावना में इंगित हैं वो स्वतंत्रता , समानता , और भाई -चारे को स्थापित करते हैं। और उनके धर्म में समाहित सामाजिक आदर्श इससे इनकार करते हैं।डा.आम्बेडकर

शुक्रवार, 27 जनवरी 2017

मेरा मकसद बहुजन क्रांति को सशक्त एवं मजबूत बनाना है ताकि बहुजन समाज का स्वाभिमान जाग सके: मांडवला

*मेरा मकसद बहुजन क्रांति को सशक्त एवं मजबूत बनाना है ताकि बहुजन समाज का स्वाभिमान जाग सके: मांडवला*


साथियो मेरे संघर्ष को जिन संगठनो,जिन क्रांतिकारी नेतृत्वकर्ताओ और विभिन्न जिलो की टीम से जो धार मिली है उस धार के आगे निसंदेह समस्त विरोधी धराशयी हो चुके है। मुझे किसी जाति से वैरभाव नही है परंतु कुछ अपवाद जो अनावश्यक अभद्र भाषा बोलकर अपने पुरेे समाज को कलंकित करते है ऐसे लोगो के विरुद्ध जरुर हुँ,जिनके विरुद्ध मेरा संघर्ष अनवरत् जारी है।
आज मुझे बहुत खुशी होती है जब पुरे भारत के विभिन्न जगहो से मुझे फोन पर बहुजनो की और से हौसला मिलता है।उनके उसी संबल का परिणाम है कि मैं आज संघर्ष के  मैदान में हुँ।

संघर्ष के दौर में कई लोग साथ दे रहे है और कई लोग गुलामियो की जंजीर बाँधकर तमाशाबीन होकर देख भी रहे है,जिनसे मुझे कोई शिकवा गिला नही है।

*मेरा मकसद सिर्फ और सिर्फ बहुजन समाज के गुलामी में जी रहे लोगो को अपनी ताकत से अवगत करवाकर उनको सशक्त बनाने में सहयोग करना है,उनके स्वाभिमान को जगाना है।*
और रही बात कुछ लोग राजनीति की बात करते है तो मुझ जैसे सैकडो आठवीं पास लोग बैठे है,बडी बडी डिग्रियाँ लेकर बैठे है तो मैं उनके सामने ना तो कोई अहमियत रखता हुँ और ना ही मुझे शौक है।

*भाई और बहुजन समाज की शान भँवरजी मेघवंशी के द्वारा जातिय संगठनो से दुर होने की घोषणा के बाद मेने और मेरे साथियो ने भी जातिय संगठनो को अलविदा कह दिया है। मुझे किसी भी जातिय संगठन से संबधित कर ना देखे,क्योकि मेरा लक्ष्य बहुजन समाज है,मेरा मुलनिवासी समाज है जो धीरे धीरे जातिय बाधाओ से मुक्त हो रहा है।*

मैं एक बार पुन:आप सभी बहुजन परिवार को सलाम करना चाहुँगा और विश्वास दिलाना चाहुंगा कि आरोपियो की गिरफ्तारी तक मैं लडुंगा और ठोस सबूतो के आधार पर जीतुंगा भी।

आपका

*B.R.Mandwala*
Mo.9001110084

*आप सभी को नीला सलाम,जय भीम जय भारत।*
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