बन के सिंह दहाड़े बाबा ,
कितने शूर पछाड़े बाबा ,
दुर्लभ चिंतन और मनन से ,
मनु के गणित बिगाड़े बाबा !
जला दिया कानून पुराना ,मिला बहुत आराम !
बाबा , सौ-सौ बार प्रणाम !
सबके जीवन दर्पण बाबा ,
सब कुछ तुमको अर्पण बाबा ,
नेक राह दिखलाने वाले ,
युग द्रष्टा आकर्षण बाबा !
सुबह जागते ही होंठो पे ,बाबा तेरा नाम !
बाबा ,सौ-सौ बार प्रणाम !!
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें