आज भारतीय दो अलग -अलग विचारधाराओं द्वारा शाशित शोषित हो रहे हैं। उनके राजनीतिक आदर्श जो संविधान के प्रस्तावना में इंगित हैं वो स्वतंत्रता , समानता , और भाई -चारे को स्थापित करते हैं। और उनके धर्म में समाहित सामाजिक आदर्श इससे इनकार करते हैं।डा.आम्बेडकर

गुरुवार, 13 जून 2013

एक होगा मेघवाल तो जितेगा 'मेघवाल ' !


मेघवाल समाज  एक होकर हक़ के लिये आगेआएगा , तो कोई भी सरकार  इसकी संघठन-शक्ति को तोड़ नहीं सकता| आइए! मेघवाल समाज के रचनात्मक अभियान मेंभाग लेकरअपने मेघवाल होने का कर्तव्य निभाए|समाज को मिली चुनोतियोंके समाधानहे प्रत्येकमेघवाल अपनेसमाजबन्धुओ  का सहयोग करें| 
एक होगा मेघवाल  तो जितेगा 'मेघवाल ' !



मेघवाल समाज सेवा समिति (13) गाँव परगना माण्डवला 

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