आज भारतीय दो अलग -अलग विचारधाराओं द्वारा शाशित शोषित हो रहे हैं। उनके राजनीतिक आदर्श जो संविधान के प्रस्तावना में इंगित हैं वो स्वतंत्रता , समानता , और भाई -चारे को स्थापित करते हैं। और उनके धर्म में समाहित सामाजिक आदर्श इससे इनकार करते हैं।डा.आम्बेडकर

मंगलवार, 16 अप्रैल 2013

मेघवाल का दिमाग हो खाम्भु और विराश इसमे खास हो






मेघवाल का दिमाग हो खाम्भु और विराश इसमे खास हो 

बॉस मै जोश हो मकवाना की वीरता हो 

पूनरो का राज हो भाटिया  का जोश हो

पंवार  की रियासत हो पन्नू की शान हो

देपन का प्यार हो धनदे का जूनून हो

लखानी की समज हो गोयल की विजय हो

इनखिया की गर्जना हो केश्वर का रहेम हो

परिहार की राजनीती हो चोहान की चतुराई हो

लोहिया की बाजु हो देवपाल की चाहत हो 

विराश का दरबार हो लीलड का वार हो

कटारिया शूरवीर हो लावा की लाज हो 

डांगी की डांग हो बाकी सब जनता हो 

तो पुरे हिंदुस्तान पर मेघवालो का राज हो

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