आज भारतीय दो अलग -अलग विचारधाराओं द्वारा शाशित शोषित हो रहे हैं। उनके राजनीतिक आदर्श जो संविधान के प्रस्तावना में इंगित हैं वो स्वतंत्रता , समानता , और भाई -चारे को स्थापित करते हैं। और उनके धर्म में समाहित सामाजिक आदर्श इससे इनकार करते हैं।डा.आम्बेडकर

बुधवार, 3 अप्रैल 2013

धारुजी गोत्र पंवार (अग्निवंश)मेघवंशी थे ,जोधपुर राव जोधाजी राठोड के पड़ पोत्र तथा गंगाजी के पुत्र मालदेव के समकालीन थे !


  1. मेघवाल संत धारूरख 

धारुजी गोत्र पंवार (अग्निवंश)मेघवंशी थे ,जोधपुर राव जोधाजी राठोड के पड़ पोत्र तथा गंगाजी के पुत्र मालदेव के समकालीन थे !मालदेव की पत्नी रूपा गाँव दुधवा के रहने वाले थे !धारूरख और रूपादे ने  गुरु उगमजी भाटी से गुरु दीक्षा ली थी !रूपादे की शादी मालाणी  रावल मालदेव के साथ हुई तो धारूजी को उनके साथ दहेज में मालाणी भेज दिया !दोनों ने भक्ति के प्रभाव से अन्त में एक साथ अंतर्ध्यान हो गये !
                                


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