आज भारतीय दो अलग -अलग विचारधाराओं द्वारा शाशित शोषित हो रहे हैं। उनके राजनीतिक आदर्श जो संविधान के प्रस्तावना में इंगित हैं वो स्वतंत्रता , समानता , और भाई -चारे को स्थापित करते हैं। और उनके धर्म में समाहित सामाजिक आदर्श इससे इनकार करते हैं।डा.आम्बेडकर

बुधवार, 3 दिसंबर 2014

meghwal

  1. *****मेघङी की शादी *****
पिछम दिशा सुं दल उमङै,आलम आप आवैला।
धौला नैजा फरहरै ,गिरदा भाण छिपेला।
कुङा कपटी लोभी लालची,ज्याने पकङ दळेला।
साचा संत पंथ मे पुगसी,गुरुजी जाय भेटेला।
गैहु चणा दळ में आवसी ,गिंणवां अनाज बिकेला।
ऐक नर लारे नव नारी ,टक्का मे नार बिकेला।
गंगा जमुना मे रेत उङेला समुंद्र कुवा खुदेला।
नीर दरीया नीट ज्यावसी ,कांटे नीर तुलेला।
करम धरम सब भूल जायला सब मनमानी करेला।
पहले बङाबङ बामणा पाछै वाणिया ने पकङेला।
पछै जगत बिहुणा जोगियां ,पछै कामङ ने जकङैला।
गहरा गहरा संख बाजसी सिंगी नाद घुरला ।
सीस कलयुग रो काटसी निकलंग दङी रमैला।
घणा बाजसी पवन बायरा पर्वत पाषाण उङैला।
रुई ज्यूं पर्वत उङैला गिरी मेरु कांपैला।
सवालाख मण लौह गळेला,ज्यारी घाणी बणैला।
हाथी ऐरावत जूत सी बांसग जोत खिंचेला।
घोर घोर नर जागसी ,ज्यारा तैल पङेला।
सैंस किरण सुरज उगसी धर तांबा वरणी हुवैला।
तेल कङावा उकळै ऐसा नीर तपैला।
पांच लाख दिवला जुपसी ज्यामै तैल भरेला ।
दीप मशाला चांदणै सायब तुर्रा टांकैला।
दिल्ली में डैरा देवसी चितौङ चंवरी मंडेला।
श्वेत घोङो हींसेला सायब मेघङी परणैला।
*****आगम पुराण से लिया गया*****


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