मेघवाल समाज आज भी पिछड़ा क्यों हैं
मेघवाल समाज के पिछड़ेपन की सबसे बड़ी विडंबना सामाजिक, धार्मिक भावनाओ से ग्रसित पुराणी रुढ़िवादी परम्परा हैं !जिसके चलते समाज में चल रही मृत्यु भोज की परम्परा सबसे बड़ी बाधा बनकर सामने आ रही हैं ! मृत्यु भोज में परिवार इतना डूब जाता हैं की उसकी सात पीढ़ी तक ऊपर नही उठ आ सकती ,जिसका मुख्य कारण यह हैं की एक बार जिस परिवार में मृत्यु भोज (गंगा जल ) हो गया तो फिर उसके बाद अगर उस परिवार में कोई अन्य मोत होती हैं तो फिर वही मृत्यु भोज लोग कहते हैं की इनके पूर्वजो ने इनके पिताजी ने या दादाजी ने तो (गंगा जल)किया था !और लोगो के ताने सुनने के बजाये एक बार फिर ऋण के बोजतले दब जाता हैं !इसके साथ ही शराब सेवन भी समाज के पिछड़ेपन का मुख्य कारण हैं ,युवा वर्ग नशे की लत का इतना आदि होता चला जा रहा हैं की अपने परिवार को दो वक्त की रोटी भी नही दे सकता जिससे कई परिवार टूट रहे हैं !अत मृत्यु भोज, शराब सेवन, बाल विवाह,आदि प्रथाओ से किनारा किये बिना समाज पिछड़ेपन से छुटकारा नही पा सकता !!
मेघवाल समाज के पिछड़ेपन की सबसे बड़ी विडंबना सामाजिक, धार्मिक भावनाओ से ग्रसित पुराणी रुढ़िवादी परम्परा हैं !जिसके चलते समाज में चल रही मृत्यु भोज की परम्परा सबसे बड़ी बाधा बनकर सामने आ रही हैं ! मृत्यु भोज में परिवार इतना डूब जाता हैं की उसकी सात पीढ़ी तक ऊपर नही उठ आ सकती ,जिसका मुख्य कारण यह हैं की एक बार जिस परिवार में मृत्यु भोज (गंगा जल ) हो गया तो फिर उसके बाद अगर उस परिवार में कोई अन्य मोत होती हैं तो फिर वही मृत्यु भोज लोग कहते हैं की इनके पूर्वजो ने इनके पिताजी ने या दादाजी ने तो (गंगा जल)किया था !और लोगो के ताने सुनने के बजाये एक बार फिर ऋण के बोजतले दब जाता हैं !इसके साथ ही शराब सेवन भी समाज के पिछड़ेपन का मुख्य कारण हैं ,युवा वर्ग नशे की लत का इतना आदि होता चला जा रहा हैं की अपने परिवार को दो वक्त की रोटी भी नही दे सकता जिससे कई परिवार टूट रहे हैं !अत मृत्यु भोज, शराब सेवन, बाल विवाह,आदि प्रथाओ से किनारा किये बिना समाज पिछड़ेपन से छुटकारा नही पा सकता !!
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