आज भारतीय दो अलग -अलग विचारधाराओं द्वारा शाशित शोषित हो रहे हैं। उनके राजनीतिक आदर्श जो संविधान के प्रस्तावना में इंगित हैं वो स्वतंत्रता , समानता , और भाई -चारे को स्थापित करते हैं। और उनके धर्म में समाहित सामाजिक आदर्श इससे इनकार करते हैं।डा.आम्बेडकर

सोमवार, 25 मार्च 2013

तिलक होली


तिलक होली
माण्डवला 22 मार्च --मेघवाल समाज युवा मंडल तेरह गाँव परगना की बैठक रामदेव मंदिर प्रांगण माण्डवला में शुक्रवार को आयोजित की गई !बैठक मेंपानी की बचत का सपना संजोकर इस बार तिलक होली मनाने का संकल्प लिया है।इस अवसर पर भगवानाराम मेघवाल ने पानी का महत्व समझाते हुए पानी बचाने के गुर के साथ-साथ होली पर पक्के रंगों का उपयोग नहीं कर तिलक होली मनाने का निर्णय लिया !अगर हम वाकई पानी बचाना चाहते हैं तो रंगों के इस त्यौहार को तिलक होली के रूप में मनाना चाहिए और हाथों एवं सिर पर रंग उड़ेलने की बजाय अपने प्रियजनों के माथे पर तिलक लगा उन्हें होली की बधाई देनी चाहिए, क्योंकि हाथों पर लगे रंग को धोने में जहां एक से तीन लीटर पानी व्यर्थ होता है, वहीं सिर में लगे रंग को निकालने में पांच से 10 लीटर पानी व्यर्थ बहाना पड़ता है। बच्चों को भी पानी से दूर रह रंगों की होली खेलने की प्रेरणा देनी चाहिए।इस अवसर पर मोटाराम माण्डवला,कानाराम,बिशंनगढ़ ,चम्पालाल बोकडा ,कांतिलाल खेडा,पारसमल सामतीपूरा ,अशोक राजू व समाज के युवा मोजूद थे !

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