आज भारतीय दो अलग -अलग विचारधाराओं द्वारा शाशित शोषित हो रहे हैं। उनके राजनीतिक आदर्श जो संविधान के प्रस्तावना में इंगित हैं वो स्वतंत्रता , समानता , और भाई -चारे को स्थापित करते हैं। और उनके धर्म में समाहित सामाजिक आदर्श इससे इनकार करते हैं।डा.आम्बेडकर

शनिवार, 30 मार्च 2013

मेघवंश के सिंह सपूतो ,आगे कदम बढ़ाना ! अन्यायों के सम्मुख अपना ,मस्तक नही झुकाना !!

मेघवंश के सिंह सपूतो ,आगे कदम बढ़ाना !
अन्यायों के सम्मुख अपना ,मस्तक नही झुकाना !! 
              बहुत सहा हैं हमने अब तक ,आगे नही सहेंगे !
              मेघऋषि के वंशज जग में ,पीछे नही रहेंगे !! 
उत्तर-दक्षिण,पूरब-पश्चिम, सारा देश जगाना !!1 !! मेघवंश ..... 
बीज कपास का बोकर पहले , हमने वस्त्र बनाया !
             तन मानव का ढक कर पहले,उसको सभ्य बनाया !!
             मेघ ऋषि की तप:साधना ,घर-घर गीत सुनाता!!2 !! मेघवंश ..... 
मेघवंश इतिहास हमारा ,'' गोकुल '' मन की वाणी हैं !
संतो की पावन वाणी पर ,मन से ध्यान लगाना !!3 !!  मेघवंश ..... 
             मन्नामेघ,महाचंद दानी ,बलिदानों की गाथा हैं !
             इन वीरो के श्री चरणों में ,तन-मन झुकता माथा हैं !!
झील पिछोला ,तीर्थ पुष्कर ,निर्मल नीर नहाना हैं !!4 !!  मेघवंश ..... 
ऋषि पुराण के साथ-साथ तुम,पुरातत्व को जानो !
            मोहन जोदड़ो राजधानी भी ,मेघऋषि मानो !!
            पुरे भारत का शासक ,उसको तिलक लगाना !!5 !!  मेघवंश ..... 
भिन्न-भिन्न नामो से फैला अपना वंश पुराना !
महा तपस्वी-ऋषिमुनियों का ,गोरवपूर्ण घराना !!
           भटक गए जो पुण्य पंथ से ,उनको राह दिखाना !!6 !! मेघवंश ..... 
            मूल निवासी हम भारत के ,भारत देश हमारा हैं !
इसके जर्रे-जर्रे पर ,पुश्तेंनी अधिकार हमारा हैं !!
जो हमसे टकराए रण में ,उसको धुल चटाना हैं !!7 !! मेघवंश .....
            समता मुलक संविधान भी ,महा 'भीम 'ने दे डाला !
            बंद पड़े थे द्वार प्रगति के ,खोल दिया उसने ताला !!
उठो जवानो आरक्षण, का पूरा लाभ उठाना!!8 !!मेघवंश ..... 
भिन्न -भिन्न भागो बिखरी ,मेघवंश संतान हैं !
            इन्हें जोड़कर एक बनाना ,उत्तम कर्म महान हैं !!
            जागो सोये सूरज जागो ,तुमको देश जगाना हैं !!9 !! मेघवंश ..... 
नवल वियोगी ,गुरु प्रसादजी ,साहित्य सूर्य हैं अपने !
मेघवंश के लाल बढ़े नित ,इनके सुन्दर सपने !!
            इनके जीवन-ग्रंथो को तुम, पढना और पढाना !!1 0 !!
            इष्ट देव हैं रामदेवजी ,मेघो को गले लगाया !
घर-घर जाकर किया जागरण ,सेवा भाव जगाया !!
जीवन नोका पर लगेगी ,प्रतिपल धयान लगाना !!1 1 !!मेघवंश ..... 
           अब तक सबने थामी हैं ,डोर मेघ के रथ की !
           सत्ता तक ले जाना इसको,सीमा इसके पथ की !! 
पथ में आई चट्टानों , हमको दूर हटाना !!1 2 !! मेघवंश ..... 
भीम ,मेघ ,श्री रामदेव की ,पुरे मन से जय बोलो !
          कृपा द्रष्टी से इनको प्यारे ,द्वार प्रगति के खोलो !!
          करो आरती-अर्चना -पूजन ,सेवा दीप जलाना !!12 !! मेघवंश ..... 
   लेखक 
श्री मान प्यारेलाल राँगोठा 
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष 
राष्ट्रीय सर्व मेघवंश महासभा (इंडिया)
सेवा निवृत  प्राचार्य एव गीतकार 
 शरद सदन 
ओसरना (भानपुरा) जिला मंदसोर -म ० प्र ० 

                                                                                         

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें