"क्या करें डाक्टर साहब /भाई साहब नौकरी/कारोबार से बिल्कुल समय नहीँ मिलता जो अपने महापुरूषो के विचारों कॊ समाज में फैलायें।"
उपरोक्त धारणा हमारे उन उच्च शिक्षित नौकरी पेशा/कारोबारी भाइयों की हैं जो आज जो कुछ हैं, अपने मसीहा बाबा साहब डा० अम्बेडकर जी की बदौलत हैं। बाबा साहब ने सही कहा था कि मुझे मेरे पढ़े लिखे लोग धोखा देंगे।
अरे बेशर्मों गद्दारो यदि आपकी तरह बाबा साहब भी ख़ुदगर्ज होते औऱ खुद अपने एवं अपने परिवार के लिए ही व्यस्त रहते तो क्या आज आपको यह कहने का अवसर मिलता कि हम व्यस्त रहते हैं। अरे अहसान फरोसो यदि बाबासाहब अपने बच्चों की कुर्बानी देकर हमारे लिए कुछ नहीँ करते तो आप व्यस्त तो रहते किंतु इस स्थिति के बजाय झाडू औऱ हांडी लटकाए व्यस्त रहते।
यदि आपके खून में ज़रा भी गैरत है तो अपने सोये हुए जमीर कॊ जगाओ औऱ बाबा के मिशन में जुट जाओ।
याद रखो यदि ऐसे ही सोते रहे तो अपने बच्चों की नौकरी की उम्मीद छोड़ दो क्योंकि आरक्षण समाप्त नहीँ तो निष्क्रिय होने की तैयारियाँ हो रही हैं।...............तथागत आपको सद्बुद्धि दें।
Dr.RBS Pushkar की फेसबुक वॉल से
उपरोक्त धारणा हमारे उन उच्च शिक्षित नौकरी पेशा/कारोबारी भाइयों की हैं जो आज जो कुछ हैं, अपने मसीहा बाबा साहब डा० अम्बेडकर जी की बदौलत हैं। बाबा साहब ने सही कहा था कि मुझे मेरे पढ़े लिखे लोग धोखा देंगे।
अरे बेशर्मों गद्दारो यदि आपकी तरह बाबा साहब भी ख़ुदगर्ज होते औऱ खुद अपने एवं अपने परिवार के लिए ही व्यस्त रहते तो क्या आज आपको यह कहने का अवसर मिलता कि हम व्यस्त रहते हैं। अरे अहसान फरोसो यदि बाबासाहब अपने बच्चों की कुर्बानी देकर हमारे लिए कुछ नहीँ करते तो आप व्यस्त तो रहते किंतु इस स्थिति के बजाय झाडू औऱ हांडी लटकाए व्यस्त रहते।
यदि आपके खून में ज़रा भी गैरत है तो अपने सोये हुए जमीर कॊ जगाओ औऱ बाबा के मिशन में जुट जाओ।
याद रखो यदि ऐसे ही सोते रहे तो अपने बच्चों की नौकरी की उम्मीद छोड़ दो क्योंकि आरक्षण समाप्त नहीँ तो निष्क्रिय होने की तैयारियाँ हो रही हैं।...............तथागत आपको सद्बुद्धि दें।
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